'अजित तेंदुलकर के भाई' का वो छक्का आज भी याद है
मैं आज भी खुद को गौरवांवित महसूस करता है, जब मैं यह कहता हूं कि मैंने मुंबई की प्रसिद्ध कांगा लीग क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान सचिन तेंदुलकर को अपनी आंखों के सामने खेलते देखा था। मुझे आज भी ब्रेबोर्न स्टेडियम में लगाया गया उनका वह छक्का याद है जो उन्होंने क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया की तरफ से खेलते हुए प्रदीप सुंदरम की
मोबिन शेख (फोटो इनसेट):
मैं आज भी खुद को गौरवान्वित महसूस करता है, जब मैं यह कहता हूं कि मैंने मुंबई की प्रसिद्ध कांगा लीग क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान सचिन तेंदुलकर को अपनी आंखों के सामने खेलते देखा था। मुझे आज भी ब्रेबोर्न स्टेडियम में लगाया गया उनका वह छक्का याद है जो उन्होंने क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया की तरफ से खेलते हुए प्रदीप सुंदरम की गेंद पर लगाया था। उस वक्त मैं राजस्थान क्रिकेट क्लब के लिए विकेटकीपिंग कर रहा था।
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उस छोटे से लड़के के साहस ने मुझे चौंका दिया था। प्रदीप न केवल एक तेज गेंदबाज थे, बल्कि उस वक्त वह अपनी पूरी लय में भी थे। उस जोरदार छक्के (जो उड़ते हुए बीसीसीआइ के पुराने ऑफिस तक पहुंच गया था) से कुछ गेंद पहले प्रदीप ने संदीप पाटिल को क्लीन बोल्ड किया था। मुझे ठीक से याद नहीं कि सचिन ने उस मैच में कितना स्कोर किया था, लेकिन वह छक्का मुझे आज भी अच्छी तरह से याद है। इसके बाद हम कई बार एक दूसरे के खिलाफ खेले, लेकिन मैं जितनी बार उन्हें देखता वह हर बार कुछ अलग नजर आते।
विनोद कांबली उस वक्त हमारी टीम की तरफ से खेल रहे थे। मैच के बाद जब हम ट्रेन से वापस घर लौट रहे थे, तब कांबली ने कहा, 'केवल वडा-पाव खा कर क्या तुम लोग इतनी दूर छक्का लगा सकते हो।' मैंने भी कहा, 'ये अजित का भाई कितनी अच्छी बैटिंग करता है।' उस वक्त तक मैं सचिन को सचिन नहीं कहता था। वह मेरे लिए 'अजित के भाई' ही थे। मैं सचिन के बड़े भाई अजित को कॉलेज के दिनों से जानता था। कुछ दिनों पहले सचिन का बेटा अर्जुन कल्याण में खेलने आया था। वह मेरे घर भी आया और मेरे घरवालों से तुरंत ही घुल-मिल गया। मैं उसकी विनम्रता से प्रभावित था। कहीं न कहीं उसके व्यवहार में भी सचिन की झलक थी।
(मिड-डे)
(लेखक के नाम मुंबई की कांगा लीग में विकेट के पीछे सर्वाधिक 202 कैच लेने का रिकॉर्ड दर्ज है।)
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