जानें, वनडे के बजाए टेस्ट में क्यों अपनी बादशाहत कायम रखना चाहता है भारत
भारत का ध्यान वनडे में नहीं टेस्ट मैचों में अपनी बादशाहत कायम रखने का है।
नई दिल्ली, भारत सिंह। टेस्ट खेलने वाले देशों में इस समय नंबर वन की गद्दी पर मौजूद टीम इंडिया का ध्यान खेल के इसी फॉर्मेट में अपनी पोजीशन को मजबूत करने पर है। इसके लिए भले ही उसे वनडे में अपनी रैंकिंग से कुछ समझौता करना पड़े। यही वजह है कि भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ बचे हुए दो वनडे मैचों में अपने प्रमुख गेंदबाजों को शामिल नहीं किया है।
भारत नहीं सौंपना चाहता नंबर एक की गद्दी
टेस्ट पर ध्यान देने की एक वजह तो यह है कि बीसीसीआइ देश में क्रिकेट के इस सबसे पुराने प्रारूप को पुनर्जीवित करना चाहता है। इसके लिए नई जगहों पर टेस्ट मैच भी करवाए जा रहे हैं। इसके अलावा पाकिस्तान इस समय टेस्ट रैंकिंग में दूसरे नंबर पर मौजूद है और पाकिस्तान के प्रमुख चयनकर्ता इंजमाम को लगता है कि भारत को भले ही घर में ज्यादा टेस्ट खेलने हैं, पर पाक टेस्ट में नंबर वन बन सकता है। भारत ने हाल ही में पाक से नंबर वन की पोजीशन छीनी है। दोनों देशों के बीच भले ही कोई सीरीज न हो रही हो, पर बीसीसीआइ नहीं चाहेगा कि पाक टेस्ट में भारत को हटाकर फिर से नंबर वन बन जाए।
वनडे में खल रही है प्रमुख गेंदबाजों की कमी
भारत ने अपने प्रमुख गेंदबाजों मोहम्मद शमी, आर अश्विन और रविंद्र जडेजा को कीवी टीम के खिलाफ पांचों वनडे मैचों में आराम दिया है। ऐसा तब है जब भारत और न्यूजीलैंड के बीच जारी वनडे सीरीज में भारत 2-1 से आगे चल रहा है। दूसरे वनडे मैच में भारत को 6 विकेट से हराकर न्यूजीलैंड ने संकेत दे दिए हैं कि वह टेस्ट मैचों की तरह हथियार डालने के मूड में नहीं है। इस मैच में भारतीय गेंदबाजी की कमी दिखाई पड़ी थी, जब लाथम और विलियमसन के बीच दूसरे विकेटके लिए शतकीय साझेदारी हुई थी और भारतीय गेंदबाज बेबस नजर आ रहे थे।
सिर्फ एक चूक और वनडे में मौका गया हाथ से
भारत इस समय वनडे रैंकिंग में चौथे नंबर पर है। तीसरे नंबर पर मौजूद न्यूजीलैंड को पीछे छोड़ने के लिए भारत को उसे 4-1 से मात देनी होगी। भारत इस सीरीज में एक वनडे पहले ही हार चुका है, अगर न्यूजीलैंड एक और बार भारत को हराने में सफल रहा तो भारत की वनडे में रैंकिंग नहीं सुधरेगी। बावजूद इसके भारत ने उमेश यादव, अमित मिश्रा, केदार जाधव, जसप्रीत बुमराह, अक्षर पटेल और हार्दिक पांड्या पर भरोसा जताया है।
शमी, अश्विन और जडेजा को टेस्ट से पहले रेस्ट
अपने प्रमुख गेंदबाजों को वनडे के लिए रेस्ट देने की वजह यह है कि भारत का ध्यान आगामी टेस्ट सीजन पर है। भारत को 2016-17 के सीजन में अपने घर में ही ज्यादा टेस्ट खेलने हैं। इसमें नवंबर-दिसंबर में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज, बांग्लादेश के खिलाफ एक टेस्ट और फिर फरवरी-मार्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। तीन टेस्ट न्यूजीलैंड के साथ हो चुके हैं। कुल मिलाकर भारत के इस सीजन में अपने घर में 13 टेस्ट मैच हैं। 1979-80 के बाद भारत ने कभी भी एक सीजन में अपने घर में इतने ज्यादा टेस्ट नहीं खेले। इन मैचों में भारत अपनी पूरी ताकत के साथ उतरना चाहता है।
लंबी रेस के घोड़े हैं तीनों खिलाड़ी
अश्विन और जडेजा ऑल-राउंड के रूप में तो शमी प्रमुख तेज गेंदबाज के रूप में वनडे मैचों में भी अपनी योग्यता साबित कर चुके हैं। बावजूद इसके इन्हें वनडे से बाहर रखने का मकसद इन्हें लंबी रेस के लिए तैयार रखना है। न्यूजीलैंड के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज में भारत को जीत दिलाने में इन तीनों ने अहम भूमिका निभाई थी। इन तीनों खिलाड़ियों ने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीनों टेस्ट मैच खेले थे। इनमें अश्विन ने 146.3, जडेजा ने 144 और शमी ने 75.1 ओवर कराए थे, जिसमें अश्विन ने 27, जडेजा ने 14 और शमी ने 7 विकेट लिए थे। उम्मीद है कि आने वाले मैचों में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ तीनों खिलाड़ी भरोसे पर खरे उतरेंगे।