Move to Jagran APP

दादा ने अपने इस दांव से काट दिए कोहली-शास्त्री की जोड़ी के पर?

भारतीय क्रिकेट में चल रही उठापटक की एक और तस्वीर खेल प्रेमियों के सामने आई।

By Bharat SinghEdited By: Published: Thu, 13 Jul 2017 10:53 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jul 2017 02:38 PM (IST)
दादा ने अपने इस दांव से काट दिए कोहली-शास्त्री की जोड़ी के पर?
दादा ने अपने इस दांव से काट दिए कोहली-शास्त्री की जोड़ी के पर?

नई दिल्ली, जेएनएन। टीम इंडिया का कोच चुनने में इस बार खूब ड्रामा हुआ। रवि शास्त्री के कोच बनने की खबर के बाद बीसीसीआइ द्वारा इससे नकारने और कुछ घंटों बाद रवि शास्त्री के साथ ही जहीर खान और राहुल द्रविड़ को भी कोचिंग टीम में शामिल किए जाने की खबर आई। 

loksabha election banner

इस खबर के सामने आने के बाद से भारतीय क्रिकेट में चल रही उठापटक की एक और तस्वीर खेल प्रेमियों के सामने आई। हालांकि, रवि शास्त्री टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली की पसंद माने जाते हैं और उनके कोच बनते ही इसे विराट कोहली की जीत बताया गया। लेकिन गेंदबाजी कोच के रूप में जहीर खान और बल्लेबाजी सलाहकार के रूप में राहुल द्रविड़ की नियुक्ति ने टीम इंडिया में नए समीकरण पैदा कर दिए हैं। 

भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कोच चुनने का काम क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को दिया गया था। इसके प्रभावशाली सदस्य सौरव गांगुली की रवि शास्त्री से पिछले साल अनबन हो गई थी। तब गांगुली ने शास्त्री पर कुंबले को तरजीह दी थी। इस बार कप्तान कोहली और सीएसी के दूसरे सदस्य सचिन तेंदुलकर की पसंद होने की वजह से शास्त्री मुख्य कोच तो बन गए, लेकिन जहीर खान और राहुल द्रविड़ को कोचिंग टीम में शामिल किए जाने के कई गंभीर मतलब हैं। इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों की नियुक्ति से भारतीय क्रिकेट में रवि शास्त्री की भूमिका को कमतर करने की कोशिश की गई है। 

रवि शास्त्री की टीम में भूमिका का मतलब कोहली के साथ उनका बेहतर तालमेल भी है। जहीर और द्रविड़ को टीम के साथ रखना, कोहली-रवि की जोड़ी की मनमानी पर अंकुश लगाने की एक कोशिश भी कहा जा रहा है। हालांकि, पहले भी कि कोच की नियुक्ति में टीम के कप्तान की राय ली जाती रही है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि कोच को हटाने से लेकर नया कोच चुनने तक सिर्फ और सिर्फ कप्तान की ही चली हो। सौरव गांगुली जैसे आक्रामक कप्तान के समय में भी उन्हें कोच ग्रेग चैपल विवाद के कारण कप्तानी गंवानी पड़ी थी। शायद सीएसी ने अपने इस दांव से टीम के बाहर कप्तान की भूमिका को कम करने की कोशिश की है। 

वैसे जहीर और द्रविड़ की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त प्रशासनिक समिति (सीओए) ने सीएसी के अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात बताया है। सीओए ने रवि शास्त्री की नियुक्ति का स्वागत किया है, लेकिन जहीर और द्रविड़ की नियुक्ति पर कहा है कि सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति कोच का अधिकार होती है। इस मामले में रवि शास्त्री की चलनी चाहिए थी और वह बल्लेबाजी कोच के रूप में संजय बांगड़ और गेंदबाजी कोच के रूप में भरत अरुण को चाहते थे, लेकिन इस मामले में गांगुली की ही चली। 

मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक जहीर और द्रविड़ की नियुक्ति पर सीओए की शनिवार को होने वाली बैठक में विचार किया जाएगा। सीओए का कहना है कि राहुल द्रविड़ पहले ही इंडिया 'ए' और अंडर 19 टीमों के कोच हैं और अब टीम इंडिया के विदेशी दौरों पर सलाहकार के रूप में काम करने से उन पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।

विश्व क्रिकेट की सिरमौर ऑस्ट्रेलियाई टीम वेतन संकट से जूझ रही है तो दक्षिण अफ्रीकी टीम अनुभवी खिलाड़ियों की चोट से जूझ रही है। इंग्लैंड ही इस समय भारत की टक्कर की टीम कही जा सकती है। भारत में आइपीएल शुरू होने से टीम को कई नए खिलाड़ी मिलते जा रहे हैं। नए खिलाड़ियों की मदद से टीम इंडिया इस समय वनडे और टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है और कुछ समय बाद आइसीसी विश्व कप भी होना है। कहीं ऐसा न हो कि इस गुटबाजी में टीम के खेल का स्तर गिर जाए। 

क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

अन्य खेलों की खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.