तो धौनी ही हैं पुणे के असली कप्तान, जीत के पीछे था इनका ही दिमाग
उम्मीद है कि धौनी के आलोचक यह बात मानेंगे कि धौनी बल्ले से, विकेट कीपिंग से या अपने दिमाग से भी टीम को जिताने का माद्दा रखते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। आइपीएल 10 शुरू होने से पहले से ही जिस खिलाड़ी के नाम, उसकी कप्तानी और उसके प्रदर्शन की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वह हैं महेंद्र सिंह धौनी। पुणे की कप्तानी से हटाए जाने के बाद उनके आलोचकों ने उनकी फॉर्म को लेकर निशाने पर लेना शुरू कर दिया। हालांकि, हम आपको बता दें कि धौनी अब भी पुणे की टीम में कप्तान से कम रुतबा नहीं रखते हैं।
आइपीएल 10 के एक मैच में यह फिर से देखने को मिला। धौनी ने हैदराबाद के खिलाफ अपनी धमाकेदार पारी से टीम को जीत दिलाई थी तो मुंबई के खिलाफ उन्होंने अपने दिमाग से इस काम को अंजाम दिया।
मुंबई के खिलाफ मैच में पुणे के गेंदबाज बेन स्टोक्स ने 19वें ओवर में केवल 7 रन ही दिए थे। इस वजह से मुंबई को आखिरी ओवर में 17 रन बनाने का लक्ष्य मिला। पुणे के कप्तान स्टीव स्मिथ ने शर्दुल ठाकुर और जयदेव उनादकट के तौर पर दो विकल्प चुने और इसके बाद महेंद्र सिंह धौनी के पास गए।
स्मिथ ने धौनी से पूछा कि आखिरी ओवर किसे देना चाहिए। इन दोनों के साथ अजिंक्य रहाणे भी इस बातचीत में शामिल थे। रहाणे ने मैच के बाद बताया, '19वें ओवर के बाद स्टीव स्मिथ, मैं और माही भाई जब इस बारे में बात कर रहे थे कि किसे गेंद सौंपी जानी चाहिए तो फिर हमने जयदेव को चुना। शर्दुल की गेंद में तेजी है, लेकिन हम आखिरी ओवर में बल्लेबाज को पेस के साथ खेलने का मौका नहीं देना चाहते थे।'
रहाणे ने आगे बताया, 'जयदेव की गति शर्दुल की तुलना में कम है और उनकी स्लोअर गेंद अकसर अधिक प्रभावी साबित होती है। विकेट भी थोड़ा धीमा था और रोहित शर्मा क्रीज पर सेट थे। इसलिए हमने यह सोचा कि उन्हें पेस के साथ खेलने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए। एक वजह यह भी थी कि मैदान छोटा था और एक या दो बड़ा शॉट भी मैच के परिणाम को किसी भी ओर ले जा सकता था।'
आपको बता दें कि इसी ओवर में उनादकट ने रोहित शर्मा को आउट कर मुंबई के जीत के सपने को चकनाचूर कर दिया था और मुंबई को करीबी मुकाबले में केवल 3 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। उम्मीद है कि धौनी के आलोचक यह बात मानेंगे कि धौनी बल्ले से, विकेट कीपिंग से या अपने दिमाग से भी टीम को जिताने का माद्दा रखते हैं।