मैच फिक्सिंग को लेकर शोएब अख्तर का बड़ा खुलासा
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने दावा किया कि1996 के दौरान मैच फिक्सिंग अपने चरम पर थी।
कराची, प्रेट्र। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने दावा किया कि1996 के दौरान मैच फिक्सिंग अपने चरम पर थी। उन्होंने कहा कि इस दौरान ड्रेसिंग रूम का माहौल खेल के बिल्कुल अनुकूल नहीं था।
अख्तर ने एक न्यूज चैनल से कहा, 'मेरा यकीन कीजिए, उस समय पाकिस्तान क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम का माहौल बहुत खराब होता था। क्रिकेट के अलावा इतनी चीजें हो रही थीं कि खेल पर फोकस करना मुश्किल था। उस समय वाकई खराब माहौल था।'
विवादित पूर्व तेज गेंदबाज का बयान ऐसे समय आया है जब दो दिन पहले ही पाक के दो पूर्व खिलाड़ियों, जावेद मियांदाद और शाहिद आफरीदी ने पाक क्रिकेट में मैच फिक्सिंग के आरोपों का झगड़ा सुलझाया है। तीसरे पक्ष के जरिये हुई सुलह के बाद मियांदाद ने आफरीदी पर मैच फिक्स करने का आरोप वापस लिया है। इससे पहले उन्होंने दावा किया था कि मैंने आफरीदी को मैच फिक्स करते हुए पकड़ा था। आफरीदी ने मियांदाद को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने अपना आरोप वापस नहीं लिया और माफी नहीं मांगी तो वह उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
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'रावलपिंडी एक्सप्रेस' के नाम से जाने जाने वाले अख्तर ने दोनों के बीच झगड़ा सुलझने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, 'अगर यह मामला कोर्ट जाता तो कई और नाम सामने आते।' अख्तर ने दावा किया कि 2010 के दौरान उन्होंने मुहम्मद आमिर को भी ऐसे लोगों से मिलने-जुलने से बचने की सलाह दी थी, जो मैच फिक्सिंग के लिए खिलाडि़यों को लालच दे सकते हैं। उन्होंने कहा, 'नौवें दशक में हमारी टीम महान टीमों में से एक थी और हमें 1999 विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीतना चाहिए था।'
नौवें दशक के मध्य में फिक्सिंग के आरोपों की जांच के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने जस्टिस मलिक कय्यूम की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया था। आयोग ने 18 महीनों की जांच के बाद पूर्व कप्तान सलीम मलिक (फिक्सिंग) और अताउर रहमान (झूठी गवाही ) पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की अनुशंसा की थी। उसने जांच में सहयोग न देने के कारण कुछ खिलाड़ियों पर आर्थिक दंड लगाने का सुझाव भी दिया था।