बच्ची को पीटने वाली मां पर ऐसे बरसे विराट कोहली और शिखर धवन
विराट और शिखर बने बच्चों के टीचर...
नई दिल्ली, जेएनएन। टीम इंडिया के खिलाड़ी इन दिनों श्रीलंका के साथ शुरू होने वाली वनडे सीरीज की तैयारियों में व्यस्त हैं। मैच खेलने और इसकी तैयारियों के अलावा भारतीय खिलाड़ी सोशल मीडिया पर भी खासे सक्रिय रहते हैं। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने इस बार सोशल मीडिया पर एक अहम मामला उठाया है।
इन दोनों खिलाड़ियों ने एक बच्ची का रोते हुए वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। इस वीडियो में बच्ची को उसकी कोई महिला परिजन (शायद बच्ची की मां) काउंटिंग यानी गिनती सिखाने की कोशिश कर रही है। बच्ची इस दौरान रो रही है और यही बात विराट और शिखर को चुभ गई। पढ़ाई के दौरान बच्ची शिकायत कर रही है कि उसे बिना डांटे हुए आराम से पढ़ाया जाए, जबकि उसके साथ शारीरिक हिंसा भी की जा रही है।
इस बारे में शिखर ने लिखा-
'आज तक मैंने जितने भी वीडियो देखे हैं, यह उनमें सबसे ज्यादा परेशान करने वाला है। परिजन होने के नाते हमें यह जिम्मेदारी मिलती है कि हम अपने बच्चों को आगे बढ़ाएं। हम बच्चों को मजबूत बनाने के लिए हैं। हम बच्चों को उनके सपनों तक पहुंचाने के लिए हैं। मुझे यह बात बहुत खराब लगी कि वीडियो में महिला बच्ची को मार रही है, रुला रही है और परेशान कर रही है ताकि बच्ची पांच तक गिनती सीख सके। किसी भी इंसान की पहचान इससे होती है जब उसके हाथ में कुछ करने की ताकत होती है और वह इस ताकत का इस्तेमाल अपने से कमजोर लोगों पर कैसा करता है।
जीवन एक चक्र की तरह होता है और मैं कामना करता हूं कि यह खूबसूरत छोटी लड़की एक दिन मजबूत महिला बने! सोचो, तब क्या होगा जब यह बच्ची बड़ी और मजबूत हो जाएगी और यह महिला बूढ़ी और कमजोर हो जाएगी? तब इसी छोटी लड़की की मर्जी चलेगी! तब क्या यह महिला उस बच्ची से थप्पड़ खाकर खुश रहेगी? इस महिला को बच्ची के साथ ऐसा व्यवहार करने पर खुद पर शर्म आनी चाहिए। यह महिला इस धरती पर सबसे कायर और कमजोर इंसान है, जो इस मासूम बच्ची पर ताकत आजमा रही है। बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाया जाना चाहिए न कि डरा, धमका कर। शिक्षा बहुत जरूरी है, लेकिन इसके लिए बच्चे की आत्मा को घायल नहीं किया जाना चाहिए।
देखें शिखर की पोस्ट और वीडियो-
विराट ने भी इंस्टाग्राम पर यह पोस्ट शेयर कर इसे दर्दनाक बताया है। उन्होंने लिखा है- बच्ची को सिखाने वाली अपने अहम को आगे रख रही है और बच्ची के दर्द और भावनाओं को नहीं समझ रही है। इसमें प्यार का नामोनिशान नहीं है। यह काफी दुखद और आश्चर्यजनक है। बच्चे को धमकाकर नहीं सिखाया जा सकता है। यह पीड़ादायक है।
उम्मीद है कि जो परिजन बच्चों को किसी भी तरह सिखाने में यकीन रखते हैं, वे विराट और शिखर की इन बातों से सीख लेंगे।