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कीवी बल्लेबाजों को पुजारा से लेनी चाहिए थी सीख : गावस्कर

अगर कीवी बल्लेबाज पुजारा से कुछ सीख लेते तो वे कड़ी चुनौती पेश कर सकते थे। टॉम लाथम ने पूरी सीरीज में अच्छी बल्लेबाजी की, लेकिन वे अच्छी पारियों को शतक में नहीं बदल पाए।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Tue, 11 Oct 2016 07:38 PM (IST)Updated: Tue, 11 Oct 2016 07:56 PM (IST)

( गावस्कर का कॉलम), इंदौर। भारत ने जितनी आसानी से न्यूजीलैंड की दूसरी पारी समेट दी, उससे ऐसा लगता है कि पिच पर कुछ ज्यादा ही स्पिन हो रही थी। जबकि सच्चाई यह है कि रविचंद्रन अश्विन ने जडेजा के साथ मिलकर बहुत ही शानदार गेंदबाजी की। इसी पिच पर सुबह चेतेश्वर पुजारा ने शानदार शतक बनाया था और गौतम गंभीर को भी खुलकर खेलते हुए देखकर अच्छा लगा। उन्होंने पिच को समझने में थोड़ा समय लिया और फिर शानदार शॉट लगाकर रन बनाए। उन्हीं की पारियों के दम पर भारत जल्दी पारी घोषित करने में सफल रहा।

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कोहली ने पुजारा के आठवें और बहुत लंबे समय बाद बने शतक के लिए इंतजार किया। क्योंकि उन्हें पता था कि दूसरी पारी में भी उनके पास बहुत समय था। हालांकि उन्होंने भी मैच के इतने जल्दी खत्म होने की उम्मीद नहीं की होगी, लेकिन अश्विन कुछ अलग ही योजना के साथ मैदान में उतरे थे। इसलिए मैच में उन्होंने 13 विकेट झटके। उन्हें एक बार फिर 'मैन ऑफ द मैच' से नवाजा गया।

पुजारा ने पूरी सीरीज में अच्छी बल्लेबाजी की, लेकिन वह इसे शतक में नहीं बदल पा रहे थे। इस बार वह नहीं चूके और शानदार शतक लगाया। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज से पहले इस शतक से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। गंभीर की अच्छी पारी से चयनकर्ताओं की मुसीबत बढ़ना तय है, क्योंकि शिखर धवन और केएल राहुल भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

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अगर कीवी बल्लेबाज पुजारा से कुछ सीख लेते तो वे कड़ी चुनौती पेश कर सकते थे। टॉम लाथम ने पूरी सीरीज में अच्छी बल्लेबाजी की, लेकिन पुजारा की ही तरह वह भी अच्छी पारियों को शतक में नहीं बदल पाए। पहली पारी में उनके पास मौका था, लेकिन लाइन से हटकर खेलने की वजह से उन्हें उमेश यादव के हाथों विकेट गंवाना पड़ा। विलियमसन स्पिन पिच पर कुछ ज्यादा चहलकदमी कर रहे थे। इसी वजह से सीरीज में चौथी बार अश्विन का शिकार बने। ऑफ स्टंप से ज्यादा बाहर जाने की वजह से बाहर की गेंदों को भी खेल रहे थे।

गुप्टिल ने कुछ फॉर्म हासिल की, लेकिन अपनी टीम को बचाने में विफल रहे। बाकी बल्लेबाज अभी से वनडे मोड में दिखाई दिए और अश्विन ने बहुत ही धैर्य के साथ अपनी स्पिन का जाल बुना। न्यूजीलैंड ने फील्डिंग और गेंदबाजी के क्षेत्र में अच्छा संघर्ष किया, लेकिन बल्लेबाजी में वे ऐसा नहीं कर सके। अगर ऐसा होता, तो मैच की आखिरी पारी का स्कोरबोर्ड कुछ और होता।

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