रनों का अंबार लगा रहे इस धुरंधर का उद्देश्य होना चाहिए भारतीय टीम में जगह बनाना
गौतम गंभीर बल्लेबाज़ी में तो दमदार प्रदर्शन कर ही रहे हैं साथ ही साथ वो एक कप्तान के तौर पर भी आइपीएल के बाकी कप्तानों से बेहतर नज़र आ रहे हैं
(रवि शास्त्री का कॉलम)
गौतम गंभीर इस आइपीएल में अब तक सबसे अनुकूल प्रदर्शन करने वाले भारतीय सलामी बल्लेबाज हैं। उनकी बल्लेबाजी अभी भी सहज और स्तरीय है और जब भी उनका बल्ला गेंद के संपर्क में आता है तो वहां रन होता है। एक और बात यह कि वह कप्तान के रूप में खेले हैं और इससे उनका महत्व बढ़ जाता है। निश्चित ही, वह अपने खिलाड़ियों के लिए अगुआ के रूप में सामने आए हैं।
सुनील नरेन को सलामी बल्लेबाजी के लिए भेजना साहसी कदम है। कर्नाटक की टीम में अनदेखी से निराश उथप्पा का शानदार प्रदर्शन करना, उनके कप्तान गंभीर के विश्वास का ही नतीजा है। मनीष पांडे या यूसुफ पठान भी इससे अलग नहीं हैं। यह कल्पना की तरह है कि उन्होंने नरेन जैसे गेंदबाज को एक से एक बेहतरीन बल्लेबाजों से भरी टीम बेंगलूर के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया।
जब कोलकाता मैदान पर होती है तो उनके कोई भी दो फैसले एक जैसे नहीं होते हैं। प्रतिद्वंद्वियों के लिए यह जंगली शिकार की तरह है। किसी ने भी उनसे ज्यादा चौके नहीं मारे या अर्धशतक नहीं जड़े। प्वाइंट कवर क्षेत्र में उनके कट आज भी पहले की तरह ही हैं। थर्डमैन पर वह टूटकर पड़ते हैं। वह कभी-कभी छक्के जड़ते हैं जो हमें इस विकल्प के बारे में बताता है कि वह अभी भी क्रीज पर हैं।
मेरा विश्वास कीजिए, किसी भी परिपक्व बल्लेबाज के लिए अपनी तकनीक को बदलना बहुत बड़ी बात है। आपकी आदत आपके मस्तिष्क के निर्देश के साथ संघर्ष करती है। गंभीर ने खुद को इसमें झोंक दिया है और यह दिखाया है कि कैसे कोई अपने विश्वास से फिर से उभर कर आ सकता है। इस व्यक्ति का निश्चित रूप से भारतीय टीम में जगह हासिल करने का उद्देश्य होना चाहिए। (टीसीएम)