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जारी रखना चाहेंगे इंग्लैंड के खिलाफ किया गया प्रदर्शनः कुंबले

दिग्गज भारतीय स्पिनर कुंबले ने 18 साल पहले आज ही के दिन टेस्ट की एक पारी में दस विकेट लेने का कारनामा किया था।

By ShivamEdited By: Published: Tue, 07 Feb 2017 09:19 PM (IST)Updated: Tue, 07 Feb 2017 11:35 PM (IST)
जारी रखना चाहेंगे इंग्लैंड के खिलाफ किया गया प्रदर्शनः कुंबले
जारी रखना चाहेंगे इंग्लैंड के खिलाफ किया गया प्रदर्शनः कुंबले

हैदराबाद, प्रेट्र। टीम इंडिया गुरुवार को जब बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच में मैदान पर उतरेगी तो उसका लक्ष्य घरेलू सरजमीं पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जारी रखने का होगा। कोच अनिल कुंबले का भी यही मानना है।

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उन्होंने मंगलवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'हमारी टीम पिछले कुछ समय से घरेलू मैदान पर शानदार प्रदर्शन कर रही है। हमने इंग्लैंड के खिलाफ जहां छोड़ा उसे यहां जारी रखने की कोशिश करेंगे। हम इससे आत्मविश्वास लेंगे और इसे आगे बढ़ाएंगे। इसके बाद भी हमें कुछ और टेस्ट मैच खेलने हैं, यह महत्वपूर्ण है कि हम लय जारी रखें। बांग्लादेश को देखें जिसने हाल में न्यूजीलैंड के खिलाफ काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। मुझे नहीं लगता कि हमें बांग्लादेश के खिलाफ कुछ अलग करने की जरूरत है। हमें देखना होगा कि हम क्या हासिल करना चाहते हैं। हम कैसे इन लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं। जब तक हम ऐसा करते रहेंगे और उन अहम लम्हों को जीतते रहेंगे और समूह के भीतर अच्छा प्रदर्शन करेंगे, मुझे लगता है कि नतीजे हमारे पक्ष में रहेंगे।'

उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी टीम ने खुद में बहुत सुधार किया है। न्यूजीलैंड दौरे पर उन्होंने बहुत बढि़या प्रदर्शन किया और उसके परिणाम काफी अलग रहे। हम निश्चित ही विरोधी टीम का सम्मान करते हैं। बांग्लादेश के पास कुछ बहुत बढि़या खिलाड़ी और अच्छे ऑलराउंडर हैं। इसलिए यह तो तय है कि यह मुकाबला काफी रोमांचक होने वाला है।

गेंदबाजों में बीस विकेट लेने की क्षमता

पूर्व भारतीय कप्तान ने तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे गेंदबाजों में प्रतिद्वंद्वी टीम को दो बार आउट करने की क्षमता है। आपने इंग्लैंड के खिलाफ स्पिनरों के दबदबे के बारे में बात की। लेकिन आप तेज गेंदबाजों के योगदान को कम नहीं कर सकते, फिर यह इंग्लैंड के खिलाफ हो या न्यूजीलैंड के खिलाफ। इसलिए घरेलू सीरीज में हमने देखा कि तेज गेंदबाजों ने आकर योगदान दिया। यह साझेदारी सही रखने का मामला है, फिर यह तेज गेंदबाज हों या स्पिनर। निश्चित तौर पर इस टीम में 20 विकेट हासिल करने की क्षमता है।

ओपनिंग जोड़ी समस्या नहीं

कोच ने कहा कि ओपनिंग जोड़ी हमारे लिए कोई समस्या नहीं है। मुरली विजय और लोकेश राहुल ने पिछली सीरीज में शानदार खेल दिखाया। मैच के दौरान कुछ भी हो सकता है इस लिए हमें बैकअप ओपनर की जरूरत थी। इसीलिए हमने अभिनव मुकुंद को टीम में शामिल किया है। पिछली घरेलू सीरीज में हमने देखा की ओपनरों को लेकर हमारे लिए कुछ समस्याएं रही हैं। मुकुंद के पास न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय अनुभव नहीं है, बल्कि उन्होंने घरेलू सत्र में काफी रन भी बनाए हैं। वह अच्छी फॉर्म में है। घरेलू सत्र में अच्छे प्रदर्शन का ईनाम उन्हें मिला है।

दुर्लभ उपलब्धि हासिल करना गर्व की बात

लगता है जैसे यह कल की बात हो, लेकिन अनिल कुंबले के 'परफेक्ट टेन रिकॉर्ड के मंगलवार को 18 साल पूरे हो गए। इस महान स्पिनर ने उस घटना को याद किया करते हुए कहा कि यह दुर्लभ उपलब्धि हासिल करना मेरे लिए गर्व की बात है।

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अठारह साल पहले सात फरवरी के दिन कुंबले टेस्ट मैच की एक पारी में सभी दस विकेट लेने वाले दुनिया के दूसरे गेंदबाज बने थे। उन्होंने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की थी। दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान की उस शाम को जैसे ही वसीम अकरम ने फारवर्ड शॉट लेग पर खड़े वीवीएस लक्ष्मण को कैच थमाया, कुंबले के नाम पर यह अनोखा रिकॉर्ड दर्ज हो गया। उन्होंने 74 रन देकर दस विकेट झटके।

कुंबले ने अपनी उस विशिष्ट उपलब्धि को याद करते हुए कहा, 'अठारह साल पहले जब मैं क्षेत्ररक्षण के लिए उतरने से पहले ड्रेसिंग रूम में बैठा था तो मैंने नहीं सोचा था कि मैं दस विकेट हासिल करूंगा। यह ऐसी चीज है जो कभी कभार ही होती हैं। क्रिकेट की किसी बड़ी उपलब्धि की वर्षगांठ मनाना भी अच्छा है। पिछले 18 साल में कोई भी अन्य गेंदबाज पारी में दस विकेट नहीं ले पाया।'

कुंबले से पूछा गया कि क्या कोई अन्य गेंदबाज यह उपलब्धि हासिल करने में सफल रहेगा, उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यदि ऐसा होना है तो यह कल हो सकता है। दस साल बाद ऐसा हो सकता है और हो सकता है कि ऐसा फिर कभी नहीं हो पाए। मुझे नहीं लगता कि किसी ने कभी सोचा होगा कि मैं दस विकेट लेने में सफल रहूंगा। ऐसा कभी कभार ही होता है। मैं संभवत: भाग्यशाली हूं जो इसका हिस्सा बना। यह विशिष्ट उपलब्धि है। मुझे खुशी है कि लोग हर साल इस दिन को याद करते हैं और हम भी उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं।' कुंबले से पहले इंग्लैंड के जिम लेकर ने 1956 में ओल्ड ट्रैफर्ड में यह उपलब्धि हासिल की थी।।

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