राहुल ने हरिप्रसाद का इस्तीफा किया नामंजूर, सभी पद पर बने रहेंगे
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसग़ढ, ओडिशा के प्रभारी बीके हरिप्रसाद के इस्तीफे को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नामंजूर कर दिया।
रायपुर/नई दिल्ली, नईदुनिया प्रतिनिधि। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसग़ढ, ओडिशा के प्रभारी बीके हरिप्रसाद के इस्तीफे को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नामंजूर कर दिया है। हरिप्रसाद पार्टी के सारे पदों पर बने रहेंगे। उन्होंने 'नईदुनिया' से बातचीत में कहा कि छत्तीसग़ढ कांग्रेस में कोई दिक्कत ही नहीं रही है। अब तक जिस फॉर्मूले पर पार्टी यहां काम कर रही है, उसी पर संगठन को मजबूत करने का काम होगा।
बुधवार को हरिप्रसाद और छत्तीसग़ढ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से मुलाकात की। राहुल ने हरिप्रसाद से इस्तीफे का कारण पूछा। हरिप्रसाद ने ओडिशा पंचायत चुनाव में पार्टी को मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की बात कही। इस पर राहुल ने हरिप्रसाद से कहा कि ओडिशा पंचायत चुनाव में आपकी तरफ से पार्टी को लीड दिलाने के लिए पूरी कोशिश हुई। ओडिशा से कुछ शिकायतें मिलीं, लेकिन राजनीति में ऐसा होता रहता है।
राहुल ने कहा कि कौन नेता निष्क्रिय है, ये हाईकमान तय करेगा। उन्होंने हरिप्रसाद को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद के साथ छत्तीसग़ढ और ओडिशा प्रभारी पद को यथावत संभालने की बात कही। इसके बाद पीसीसी अध्यक्ष बघेल ने राहुल को नोटबंदी के खिलाफ किए गए आंदोलन की जानकारी दी। छत्तीसग़ढ सरकार शराब बेचने जा रही है, इसलिए कांग्रेस ने शराबबंदी की मांग को स़$डक से सदन तक उठाई है। भूपेश ने यह जानकारी भी दी। विधानसभा में किसानों के उठाए मुद्दों के बारे में बताया।
जोगी विरोधी हैं, उनके बोलने से कांग्रेस का कद छोटा नहीं होगा: हरिप्रसाद
सवाल- इस्तीफा नामंजूर करते हुए राहुल ने क्या सुझाव दिए?
जवाब: मैंने ओडिशा पंचायत चुनाव के रिजल्ट की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था। अब इस्तीफा नामंजूर हो गया है तो संगठन के राष्ट्रीय स्तर पर तो पार्टी के लिए काम करूंगा ही, छत्तीसग़ढ और ओडिशा में संगठन को मजबूत करने का काम जारी रहेगा। राहुल गांधी ने पहले भी फ्री-हैंड काम करने के लिए छा़ेड दिया था। अब भी उन्होंने फ्री-हैंड ही काम करने के लिए कहा है।
सवाल- छत्तीसग़ढ कांग्रेस को संगठनात्मक रूप से मजबूत करने के लिए क्या पॉलिसी रहेगी?
जवाब: सेम पॉलिसी रहेगी। छत्तीसग़ढ में कभी कोई प्रॉब्लम ही नहीं रही। पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को जो जिम्मेदारी दी जाती है, पूरी सक्रियता से निभाते हैं।
सवाल- अजीत जोगी ने कहा है कि कांग्रेस अब राष्ट्रीय स्तर पर अप्रासंगिक हो गई है, इस पर आपका क्या कहना है?
जवाब: जोगी विरोधी दल के हैं। इसलिए कांग्रेस और इसके नेताओं के खिलाफ बोलेंगे ही। उनके बोलने से कांग्रेस का कद छोटा नहीं हो जाएगा। कांग्रेस के कद को जनता जानती है।
सवाल- जोगी ने कहा कि आपका इस्तीफा देना और उसे नामंजूर करना नौटंकी है?
जवाब: कांग्रेस के लोग पार्टी के प्रति जिम्मेदारी को समझते हैं। मैंने जिम्मेदारी को समझते हुए ही नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया। जो जिम्मेदारी और नैतिकता को नहीं समझते, वो पार्टी में रहने लायक नहीं, उन्हें नैतिकता के आधार पर लिए गए फैसले नौटंकी लगते हैं।