उदयन मामले में दो बैंकों पर पुलिस ने कसा शिकंजा
सीरियल किलर उदयन दास के फर्जीवा़डे की जानकारी देने में सेंट्रल बैंक और फेडरल बैंक प्रबंधन हीला-हवाला कर रहे हैं।
रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि। सीरियल किलर उदयन दास के फर्जीवा़डे की जानकारी देने में सेंट्रल बैंक और फेडरल बैंक प्रबंधन हीला-हवाला कर रहे हैं। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने प्रबंधन के इस रवैए पर सख्ती दिखाई है। पुलिस ने दोनों बैंकों के प्रबंधकों को पत्र लिखकर छह सवालों के जवाब मय दस्तावेज देने को कहा है।
एएसपी सिटी विजय अग्रवाल ने बताया कि उदयन दास ने मां इंद्राणी दास के पेंशन खाता और पिता वीके दास के रायपुर और भोपाल स्थित फेडरल और सेंट्रल बैंक के खाते में जमा लाखों रपए का आहरण 3 सौ से अधिक बार किए हैं। बावजूद बैंक प्रबंधन को उसके फर्जीवा़$डे की भनक नहीं लगना संदेहास्पद है। बैंकों से पुलिस ने पत्र लिखकर इससे संबंधित जानकारी मांगी थी, लेकिन उसे हल्के में लिया गया। लिहाजा बैंकों को फिर से पत्र लिखकर छह सवालों की पुष्ट जानकारी मांगी गई है, वह भी मय दस्तावेज।
इन सवालों के जवाब तलब
2011 के बाद से पेंशन शाखा में कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी पदस्थ रहे हैं? उनकी जिम्मेदारी क्या--क्या थी?
पेंशन निकालने के नाम्र्स क्या-क्या है?
बैंक में वीरेंद्र दास और इंद्राणी दास के नाम की एफडी तु़$डवाकर पैसे निकाले गए? जिम्मेदार अफसर कौन हैं?
एफडी ता़े$डने के क्या नियम हैं?
अगर कोई पेंशनभोगी या खाताधारक विदेश में निवास कर रहा हो तो उसका क्रॉस वेरीफाई करने के क्या प्रावधान है?
क्या कभी इंद्राणी दास बैंक में आई थीं? नहीं आई थीं तो क्या उनके जीवित होने के संबंध में पेश किए गए प्रमाणपत्र को क्रॉस चेक किया गया या उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई? नहीं की गई तो इसके जिम्मेदार अधिकारी कौन हैं?