सरकार और नक्सली चाहें तो मध्यस्थता को तैयार हूं: कुंजाम
सीपीआई के पूर्व विधायक तथा आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने कहा है कि अगर सरकार माओवादियों से बातचीत करना चाहे तो वे मध्यस्थता करने को तैयार हैं।
रायपुर, ब्यूरो। सीपीआई के पूर्व विधायक तथा आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने कहा है कि अगर सरकार माओवादियों से बातचीत करना चाहे तो वे मध्यस्थता करने को तैयार हैं। नईदुनिया से बातचीत में मनीष ने कहा कि बस्तर में शांति के लिए अगर उनकी भूमिका तय की जाती है तो वे पीछे नहीं हटेंगे।
2011 में सुकमा कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन के अपहरण के बाद माओवादियों ने मध्यस्थता करने के लिए जो तीन नाम सुझाए थे उनमें मनीष कुंजाम का भी नाम था। मनीषष ने तब मध्यस्थता से इंकार कर दिया था।
मनीष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने सलवा जुड़़ूम मामले में उनकी ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सरकारी वकील से पूछा कि क्या इस हिंसा को रोकने के लिए सरकार नक्सलियों से बात नहीं कर सकती। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि वे न्यायालय की भावना से सरकार को अवगत करा देंगे। यह पहली बार है कि किसी जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खुद बातचीत का सुझाव दिया है।