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निष्कासन की स्क्रिप्ट दो माह में पूरी, सीडी दो महीने पहले ही पहुंच गई थी दिल्ली

अंतागढ़ चुनाव से पहले का जो ऑडियो टेप विधायक अमित जोगी और उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर कार्रवाई की वजह बना, उसकी सीडी दो महीने पहले ही दिल्ली पहुंच गई थी। यह सीडी उन लोगों के जरिए दिल्ली पहुंची, जिनमें से कुछ की बातचीत इसमें रिकार्ड है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2016 03:35 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2016 03:41 AM (IST)
निष्कासन की स्क्रिप्ट दो माह में पूरी, सीडी दो महीने पहले ही पहुंच गई थी दिल्ली

रायपुरअंतागढ़ चुनाव से पहले का जो ऑडियो टेप विधायक अमित जोगी और उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर कार्रवाई की वजह बना, उसकी सीडी दो महीने पहले ही दिल्ली पहुंच गई थी। यह सीडी उन लोगों के जरिए दिल्ली पहुंची, जिनमें से कुछ की बातचीत इसमें रिकार्ड है।

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विश्वस्त सूत्रों के अनुसार सीडी कांग्रेस के कुछ राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के हाथ लगी तो खलबली मच गई। आलाकमान के इशारे पर इन नेताओं ने इस सीडी की सत्यता की जांच भी करवा ली। करीब एक माह पहले जांच रिपोर्ट आ गई कि सीडी असली है। इसके बाद दिल्ली के इशारे पर ही प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने जोगी पिता-पुत्र पर कार्रवाई की स्क्रिप्ट लिखनी शुरू कर दी।

बस्तर में केशकाल के कांग्रेसी अमीन मेमन को करीब डेढ़ माह पहले कांग्रेस में लिया गया। उसे अजीत जोगी का खासा करीबी माना जाता रहा है। यह कांग्रेस प्रवेश एक-दो दिन तक पार्टी में चर्चा का विषय रहा, लेकिन उसके ठीक बाद यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि अंतागढ़ में प्रत्याशी बनाए जाने के बाद ऐन वक्त पर नाम वापस लेने वाले मंतूराम पवार के मामले से इसका कोई न कोई संबंध जरूर है। मंतूराम मामले से जुड़ी सीडी में मेमन की आवाज होने के साथ हफ्तेभर पहले यह बात स्थापित भी हो गई।


पिछले डेढ़ महीने में प्रदेश के कुछ लोगों की कांग्रेस के उच्चपदस्थ नेताओं से मुलाकात भी चर्चा में है। माना जा रहा है कि मेमन और अंतागढ़ टेप कांड के सूत्रधार फिरोज सिद्दीकी के अलावा एक और नेता की दिल्ली में कांग्रेस के उच्चपदस्थ लोगों से मुलाकात हुई थी। उसी मुलाकात के बाद यह सीडी सामने आई। जोगी खेमा यह आरोप लगा रहा है कि इनकी मुलाकात प्रदेश के कुछ नेताओं ने करवाई थी, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो रही है। इस मुलाकात के बाद सामने आई सीडी को तुरंत जांच के लिए भेज दिया गया था।


सूत्रों के अनुसार दिसंबर के पहले हफ्ते में सीडी प्रदेश के शीर्ष नेताओं के हाथ लग गई थी। लेकिन पार्टी के ये नेता इसलिए खामोश रहे क्योंकि उस वक्त प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल अपनी बेटी के विवाह समारोह में व्यस्त थे। वे करीब 10 दिसंबर तक पारिवारिक समारोह में व्यस्त रहे। समझा जा रहा है कि इसके बाद अलग-अलग इलाके से कई नेताओं का कांग्रेस प्रवेश कराया गया। माना जा रहा है कि ये सभी ऐसे नेता थे, जिनके कांग्रेस के खिलाफ बगावत करने का अंदेशा था। बेहद सुरक्षात्मक अंदाज में ऐसा करते हुए आखिरकार दिसंबर अंत तक यह सीडी सार्वजनिक कर दी गई।

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने अंतागढ़ टेप कांड के मसले पर मंगलवार को दोपहर के बाद से चुप्पी साध ली है। उसी रात वे राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए और तभी से यह कयास लगाए जाने लगे थे कि उन्हें बेटे अमित और खुद पर प्रदेश कांग्रेस की संभावित कार्रवाई की भनक लग गई थी। इलाज के कारण मीडिया को जोगी से बुधवार को दोपहर भी सुबह से रात तक मीडिया को दूर रखा गया। लेकिन शाम को जोगी की भूमिका को लेकर अफवाहों का बाजार गहराने लगा।

एक अफवाह ये भी थी कि जोगी और ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (बीजू जनता दल चीफ) से बात हुई है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई। फिर भी, जोगी के अगले कदम को लेकर अटकलें तेज होने लगी हैं।


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