बारिश में नक्सलियों के खिलाफ अभियान होगा तेज
छत्तीसगढ़ में बारिश में नक्सलियों के खिलाफ अर्धसैनिक बलों और छत्तीसगढ़ पुलिस का अभियान तेज होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय नक्सल मैनेजमेंट विभाग के आंतरिक सुरक्षा सलाहकार के
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बारिश में नक्सलियों के खिलाफ अर्धसैनिक बलों और छत्तीसगढ़ पुलिस का अभियान तेज होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय नक्सल मैनेजमेंट विभाग के आंतरिक सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार एक जुलाई को छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ रहे हैं। वह बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे और आला अधिकारियों के साथ मिलकर नक्सल विरोधी अभियान की समीक्षा करेंगे। केंद्र सरकार ने बारिश में नक्सलियों के खिलाफ अभियान को चालू रखने का फैसला किया है। इसके लिए सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीएसएफ के अधिकारियों को समन्वय बनाकर अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। एंटी नक्सल ऑपरेशन के आला अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बार्डर पर नक्सलियों का संगठन कमजोर हुआ है। आंध्रप्रदेश और ओडिशा बार्डर की नक्सलियों की कमेटी का नए सिरे से गठन किया गया है। खुफिया विभाग को मिली जानकारी के अनुसार, नक्सलियों ने मलकानगिरी-कोरापुट डिविजन को मिलाकर एक कमेटी बनाई है। इसमें दंडकारण्य जोनल कमेटी के कुछ सदस्यों को शामिल किया गया है। पुलिस के आला अधिकारियों के अनुसार, बार्डर पर नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान और कैडर के कमजोर होने के कारण नक्सलियों ने नई रणनीति बनाई है। एसआईबी के आला अधिकारियों ने बताया कि आंध्रप्रदेश और ओडिशा बार्डर पर नक्सलियों की स्थिति को मजबूत करने और दंडकारण्य के नक्सलियों के मूवमेंट के लिए सेफगार्ड बनाने के लिए नई कमेटी का गठन किया गया है। नक्सलियों ने माना, कमजोर हुआ है संगठन सीपीआई माओवादी के महासचिव गणपति ने माओवादी इंफर्मेशन ब्यूरो को दिए एक इंटरव्यू में स्वीकार किया है कि उनका संगठन कमजोर हुआ है। गणपति ने कहा कि क्रांतिकारी मूवमेंट ग्रामीण मैदानी इलाकों और शहरी इलाकों में कमजोर हुआ है। गणपति ने यह भी स्वीकार किया कि पिछले कुछ महीने में नक्सलियों के बड़े लीडरों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्यों की पुनर्वास नीति जिम्मेदार नहीं हैं। अपने इंटरव्यू में गणपति ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और आरएसएस पर भी निशाना साधा। गणपति ने कहा कि सत्ताधारी ताकतें नक्सल मूवमेंट के बारे में गलत प्रचार करके कमजोर करना चाहती हैं।