आगे देखेंगे सूट-बूट, लूट की सरकार: राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रायपुर में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर हमला बोला। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अभी यह सूट-बूट की सरकार है आगे आप देखेंगे कि यह सूट-बूट और लूट की सरकार होगी।
रायपुर [ब्यूरो]। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रायपुर में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र में केवल मोदी ही सरकार चला रहे हैं। केंद्र की सरकार को सूट-बूट की सरकार कह चुके राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अभी यह सूट-बूट की सरकार है आगे आप देखेंगे कि यह सूट-बूट और लूट की सरकार होगी।
गांधी ने मंगलवार शाम को यहां शंकर नगर में कांग्रेस के नए भवन का शिलान्यास किया। बिलासपुर संभाग के दो दिवसीय प्रवास से लौटने के बाद एक संक्षिा कार्यक्रम में मंत्रोच्चार के बीच नारियल फोड़कर उन्होंने शिलान्यास किया।
दिखी कांग्रेस की गुटबाजी की झलक
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दो दिनी प्रवास के दौरान प्रदेश कांग्रेस की गुटीय राजनीति और खींचतान कई मौकों पर उजागर हुई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बीच सीधी नोकझोंक के साथ ही जोगी समर्थकों से भूपेश बघेल का खुला टकराव होता रहा।
राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ से रवाना होने से पहले जो अंतिम कार्यक्रम रखा गया था, उसमें भी गुटीय खींचतान नजर आई। नए कांग्रेस भवन के शिलान्यास के लिए जो पत्थर लगाया गया है, उसमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का नाम नहीं है। कार्यक्रम के बाद जब शिलान्यास का पत्थर सामने आया तो यह बात सामने आई। शिलान्यास पत्थर पर राहुल के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा, राज्यसभा सदस्य मोहसिना किदवई, प्रदेश के प्रभारी सचिव भक्तचरणदास, प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल व नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के नाम हैं।
जोगी ने कांग्रेस भवन के लिए जगह दिलवाई थी
राज्य गठन के बाद जब प्रदेश में अजीत जोगी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार बनी थी, उसी समय प्रदेश कांग्रेस कमेटी का भी गठन किया गया था। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के लिए भवन नहीं था, इसी दौरान जोगी सरकार ने प्रदेश कांग्रेस भवन के लिए शंकरनगर में 6600 वर्गफुट जमीन उपलब्ध करवाई थी। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल सरकार में राजस्व मंत्री थे। यह जमीन मिलने के बाद से लेकर अब तक कई प्रदेश अध्यक्ष बने और हट गए, लेकिन कांग्रेस भवन बनाने के लिए एक ईंट भी नहीं रखी जा सकी। हालांकि इस बीच पूर्व के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों के कार्यकाल में कांग्रेस भवन निर्माण करने के लिए समिति का गठन किया गया था, लेकिन यह समिति कोई काम नहीं कर पाई।