नान घोटाले पर स्थगन प्रस्ताव की अनुमति नहीं, कांग्रेस का बहिर्गमन
रायपुर [ब्यूरो]। नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले को लेकर गुरुवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस विधाय
रायपुर [ब्यूरो]। नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले को लेकर गुरुवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा कराने की मांग की। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि नान घोटाले में नए तथ्य सामने आए हैं, जिस पर चर्चा जरूरी है। विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने स्थगन प्रस्ताव को प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया।
प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने नान घोटाले का मामला उठाते हुए कहा कि इसमें करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है और कई नए तथ्य सामने आए हैं। विपक्ष ने स्थगन दिया है, उस पर चर्चा कराई जाए। संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने आपत्ति करते हुए कहा कि एक ही विषय पर बार-बार चर्चा नहीं कराई जा सकती। कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने कहा कि घोटाले से जु़़डे नए तथ्य सामने आए हैं, इसलिए इस पर चर्चा कराई जा सकती है।
विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव से संबंधित खबर अखबारों में प्रकाशित होने पर आपत्ति करते हुए कहा कि नियमों में यह स्पष्ट प्रावधान है कि जब तक वह अध्यक्ष को प्रस्तुत न कर दिया जाए और उसके ऊपर कोई निर्णय न हो जाए, तब तक उसका प्रचार-प्रसार नहीं करना चाहिए, लेकिन उन्हें दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि सदन में भविष्य में संपादित किए जाने वाले कार्यो का प्रचार-प्रसार सदस्य नियमों के विपरीत करते हैं। अध्यक्ष ने सदस्यों को इससे बचने की बात कही।
विधानसभा अध्यक्ष ने जहां तक स्थगन प्रस्ताव की सूचना में उल्लेखित तथ्यों का प्रश्न है, सभी तथ्य पूर्व में दी गई सूचना, जिस पर सभा भी चर्चा कर चुकी है, उससे मिलते-जुलते ही हैं। उन्होंने सदन की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि प्रस्ताव में उस विषय पर चर्चा नहीं की जाएगी, जिस पर उस सत्र में चर्चा की जा चुकी है।
संसदीय पद्धति में यह उल्लेख है कि जिस विषय पर सभा में चर्चा हो चुकी हो, उसे उसी सत्र में पुन: स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से नहीं उठाया जा सकता। अगर एक ही विषय के संबंध में दिन-प्रतिदिन नई-नई परिस्थितियां उत्पन्न हो रही हो तो उस संबंध में दी गई स्थगन प्रस्ताव की सूचना दिन-प्रतिदिन संशोधित नहीं की जा सकती। विधानसभा अध्यक्ष ने इस विषय पर चर्चा की अनुमति नहीं दी। इसके बाद कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल व सत्यनारायण शर्मा ने इस मामले में कुछ बातें कही, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई से विलोपित कर दिया। इसके बाद कांग्रेस के सदस्य नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।