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खरगोश ने नहीं दिए बच्चे, विक्रेता कंपनी पर 50 हजार जुर्माना

रायपुर [निप्र]। एक साल में खरगोश के सात बार बच्चे देने का विज्ञापन देकर एक फर्म ने किसान को पचास खरग

By Edited By: Published: Thu, 05 Mar 2015 03:03 AM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2015 02:57 AM (IST)
खरगोश ने नहीं दिए बच्चे, विक्रेता कंपनी पर 50 हजार जुर्माना

रायपुर [निप्र]। एक साल में खरगोश के सात बार बच्चे देने का विज्ञापन देकर एक फर्म ने किसान को पचास खरगोश बेचे। इसके लिए किसान ने एक लाख तीस हजार रुपए का भुगतान किया। लेकिन पचास में से किसी भी खरगोश ने बच्चा नहीं दिया। इसकी शिकायत को फर्म ने नजरअंदाज कर दिया, जबकि फर्म ने गारंटी दी थी कि बच्चे नहीं होने पर उसे बदल दिया जाएगा। इस प्रकरण में जिला उपभोक्ता फोरम की अदालत ने किसान के एक लाख तीस हजार रुपए 6 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया है। सेवा में कमी के लिए शिवम एग्रो फर्म देवादा आरंग पर पचास हजार रुपए जुर्माना ठोंका है।

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आरंग के ग्राम देवादा स्थित शिवम एग्रो फॉर्म के एमडी रोशन मिश्रा ने खरगोश बेचने के लिए लगातार विज्ञापन जारी किया कि खरगोश से कोई भी जल्द ही अच्छा मुनाफा कमा सकता है। एक साल में खरगोश सात बार बच्चा पैदा करेगा और एक बार में 6-8 बच्चे होंगे। इस तरह पाटन के ग्राम खुड़मुड़ा के किसान होरीलाल सोनकर सोनकर ने शिवम एग्रो से पचास खरगोश खरीदे। लेकिन 6 माह बाद भी किसी भी खरगोश ने बच्चा नहीं दिया। तब किसान ने इसकी शिकायत शिवम एग्रो के एमडी रोशन मिश्रा से की। लेकिन उसने खरगोश बदलकर देने से इंकार कर दिया। परेशान किसान ने जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया और खरगोश की कीमत 1,30,000 रपए, टिन शेड निर्माण व्यय दो लाख और पचास हजार मानसिक कष्ट के लिए मांगा।

फर्म ने की धोखाधड़ी

जिला उपभोक्ता फोरम की सदस्य प्रिया अग्रवाल और अंजू अग्रवाल ने कहा कि शिवम एग्रो फॉर्म ने सेवा में लापरवाही की है, जिसके कारण किसान को नुकसान हुआ है। फोरम ने मानसिक कष्ट के लिए पचास हजार रुपए किसान को देने का आदेश दिया है।


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