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13 लाख के इनामी तीन नक्सलियों ने किया सरेंडर

रायपुर, जगदलपुर-कोंडागांव। पुलिस को 13 लाख के इनामी नक्सल दंपत्ति को सरेंडर करवाने में कामयाबी हासिल

By Edited By: Published: Wed, 04 Mar 2015 05:55 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2015 02:55 AM (IST)
13 लाख के इनामी तीन नक्सलियों ने किया सरेंडर

रायपुर, जगदलपुर-कोंडागांव। पुलिस को 13 लाख के इनामी नक्सल दंपत्ति को सरेंडर करवाने में कामयाबी हासिल हुई है। मंगलवार को पुलिस के समक्ष पूर्वी बस्तर डिवीजनल कमेटी मेंबर सुभाष उर्फ भाष्कर उर्फ रामदयाल निवासी राजगुड़ा गोंदिया महाराष्ट्र तथा उसकी पत्नी जुगरी तथा स्माल एक्शन सदस्य मोहन ने आत्म समर्पण किया।

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समर्पित नक्सलियों में सुभाष पर आठ लाख उसकी पत्नी भानपुरी एरिया कमेटी सदस्या जुगरी उर्फ सनमति पर तीन लाख तथा मोहन पर आठ लाख का इनाम शासन की ओर से घोषित है। तीनों नक्सलियों ने पुलिस दफ्तर में आईजी एसआरपी कल्लूरी व एसपी अभिषेक मीणा के समक्ष मुख्य धारा में लौटने का एलान किया।

समर्पित नक्सली सुभाष के मुताबिक मई 1992 में उसे आंध्र के नक्सली कमांडर रावजी ने दलम में भर्ती करवाया था। तब से वह आंध्र, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ के माड़ इलाके में सक्रिय रहा । उसके 22 बरसों के कार्यकाल को देखते हुए नक्सल नेताओं ने क्रमश: एरिया कमेटी, मिलिट्री दलम तथा पूर्वी डिवीजनल कमेटी सदस्य के रूप में तरक्की दी थी। सुभाष ने सेंट्रल कमेटी के महासचिव गणपति समेत रामचंद रेड्डी, सोनू उर्फ भूपति, कोसा उर्फ कोसन्ना, रमन्ना, राजू उर्फ गुडसा उसेंडी आदि कुख्यात नक्सलियों के साथ 100 से अधिक गंभीर वारदातों को अंजाम दिया है।

वर्ष 2000 में नक्सल नेताओं ने नक्सल दंपत्तियों को संतानोपत्ति पर रोक लगाकर कई सदस्यों का जबरन नसबंदी करवा दिया। साथ ही समर्पित नक्सलियों ने बताया कि संगठन की वसूली का एक बड़ा हिस्सा आंध्र के नेता हड़प कर जाते हैं। बड़ी घटनाओं में स्थानीय नक्सलियों को मरने के लिए आगे रखा जाता है। इन सब कारणों से सुभाष ने नक्सलियों का साथ छोड़कर सामान्य जीवन बिताने का फैसला लिया। इसके अलावा सुभाष की पत्नी जुगरी निवासी छिनारी नारायणपुर मर्दापाल एलओएस सदस्य के रूप में वर्ष 2008 में भर्ती हुई थी। वर्तमान में उसे भानपुरी एरिया कमेटी सदस्य की जिम्मेदारी दी गई थी। दंपत्ति के अलावा स्माल एक्शन टीम मेंबर मोहन वर्ष 2005 में नक्सल संगठन में भर्ती हुआ था। इसने नक्सली कमांडर आंध्र निवासी सतीश के साथ मिलकर शहरी नेटवर्क विस्तार कार्य किया था। सभी नक्सलियों को शासन के पुनर्वास नीति के तहत सुविधाएं प्रदान की जाएगी।


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