कोल इंडिया के निजीकरण का नक्सलियों ने किया विरोध
रायपुर [ब्यूरो]। कोल इंडिया के निजीकरण का नक्सलियों ने विरोध किया है। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के
रायपुर [ब्यूरो]। कोल इंडिया के निजीकरण का नक्सलियों ने विरोध किया है। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता गुडसा उसेंडी ने एक बयान जारी करके विरोध दर्ज कराया है।
बयान में कहा है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने पांच मजदूर संगठनों से समझौता करते हुए कोल इंडिया के निजीकरण नहीं करने पर सहमति दी थी, लेकिन अब कोल इंडिया लिमिटेड सीआईएल के दस फीसदी शेयर बेचकर 22 हजार 600 करोड़ रुपए की पूंजी हासिल करने का फैसला किया गया है।
उसेंडी ने अपने बयान में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों के विनिवेशीकरण के जरिए पूंजी हासिल करके वित्तीय घाटे को कम करना, विदेश कर्ज और ब्याज चुकाना सरकार की घोषिषत नीति है। ह़़डतालरत मजदूरों को गुमराह करने के लिए सरकार की ओर से झूठे आश्वासन दिए गए।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे के दौरान देशी-विदेशी कंपनियों के सीईओ की बैठक से जाहिर है कि सार्वजनिक उद्योगों का तेज रफ्तार से निजीकरण होगा। ओबामा के भारत से जाते ही सीआईएल के शेयर बेचना कोयला क्षेत्र के मजदूरों के साथ देश की जनता के साथ भी धोखा है।