नक्सल क्षेत्रों में सड़क निर्माण मिशन मोड में करने की जरूरत: गडकरी
रायपुर। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग विकास मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि जनता के जीवन में समृद्
रायपुर। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग विकास मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि जनता के जीवन में समृद्धि सड़कों के जरिए आती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश के नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़कों और पुल-पुलियों के निर्माण को मिशन मोड में पूर्ण करने का निर्णय लिया है। यह कार्य सभी प्रभावित राज्यों के साथ मिलकर किया जा रहा है। गडकरी ने कहा कि मिशन मोड की सफलता के लिए सभी राज्यों के बीच सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ परस्पर सहयोग समन्वय और संचार [को-ऑपरेशन, को-आर्डिनेशन और कम्युनिकेशन] को और भी अधिक बेहतर बनाया जाएगा।
गडकरी मंगलवार को छत्ताीसग़़ढ की राजधानी रायपुर में देश के नक्सल हिंसा पी़ि़डत राज्यों के मुख्यमंत्रियों और लोक निर्माण विभाग के मंत्रियों की अन्तर्राज्यीय बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। मंत्रालय [महानदी भवन] में आयोजित इस अन्तर्राज्यीय बैठक में छत्ताीसग़़ढ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हरिभाई चौधरी सहित तेलंगाना, झारखण्ड, मध्यप्रदेश , महाराष्ट्र, ओ़ि़डशा, छत्ताीसग़़ढ एवं उत्तारप्रदेश के लोक निर्माण मंत्रियों सहित इन राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।
श्री गडकरी ने बैठक में सभी राज्यों के प्रभावित इलाकों में स़़डक निर्माण परियोजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा के बाद बैठक को सम्बोधित किया। श्री गडकरी ने छत्ताीसग़़ढ सहित इन सभी सरकार द्वारा राज्य के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में स़़डक नेटवर्क के विकास के लिए काम कर रहे सुरक्षा बलों और अन्य निर्माण एजेंसियों के हौसले की प्रशंसा की। श्री गडकरी ने नक्सल पी़ि़डत क्षेत्रों में आदिवासी युवाओं को सुरक्षा और विकास के कार्यों में जो़़डने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने इस दिशा में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा छत्ताीसग़़ढ में किए जा रहे प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा कि उनके प्रयासों को एक उदाहरण के रूप में लिया जा सकता है।
गडकरी ने कहा कि नक्सलवाद निश्चित रूप से लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। नक्सली हमारे लोकतंत्र को ध्वस्त करना चाहते हैं, लेकिन सुरक्षा बलों के जवान और अधिकारी लोकतंत्र को बचाने के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों में भी दृढ़ता से काम कर रहे हैं। कई जवानों ने अपनी शहादत दी है। गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी इस समस्या के लिए उपजाऊ जमीन तैयार करती है। इसे ध्यान में रखकर इन क्षेत्रों में स़़डक निर्माण के कार्यों में स्थानीय लोगों को भागीदार बनाने की जरूरत है।
गडकरी ने कहा कि निर्माण कार्यों के छोटे-छोटे ठेके स्थानीय आदिवासी युवाओं को दिए जाने चाहिए। स़़डक निर्माण के छोटे-छोटे पैकेज हों और उनमें स्थानीय ठेकेदारों को प्राथमिकता मिले, यह भी हमारी मंशा है। इससे उन्हें स्वयं रोजगार मिलेगा और वे दूसरों को भी रोजगार दे सकेंगे। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा सकता है। श्री गडकरी ने इस संबंध में वर्कशॉप आयोजित करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सल पी़ि़डत क्षेत्रों में स़़डकों के निर्माण में आ रही कठिनाईयों को हल करने के लिए संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों की बैठकें भी नियमित रूप से होनी चाहिए। स़़डक निर्माण परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूर्ण किया जाना चाहिए।
गडकरी ने कहा कि प्रभावित इलाकों में अगर स़़डकों तथा पुल-पुलियों का जाल बिछा दिया जाए, तो कम से कम 75 प्रतिशत नक्सल समस्या आसानी से हल हो सकती है। गडकरी ने प्रभावित इलाकों में स़़डकों के निर्माण में नयी टेक्नॉलॉजी अपनाने की जरूरत पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन [डी.आर.डी.ओ.] और मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के विशेषज्ञों ने ऐसे क्षेत्रों में स़़डक बनाने के लिए नयी तरह की तकनीकों का विकास किया है। श्री गडकरी ने प्रभावित राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों को इन विशेषज्ञों से सम्पर्क करने की भी सलाह दी। वे स्वयं भी केंद्र स्तर पर आवश्यक विचार-विमर्श करेंगे और उनकी बैठक भी लेगें। श्री गड़करी ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से सुरक्षा बलों के अधिकारियों से सुझाव लेकर कार्ययोजना बनायी जाएगी।
तीसरे कार्यकाल में सभी सड़कों को पूर्ण करने का संकल्प: रमन
छत्ताीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस महत्वपूर्ण मसले पर बैठक आयोजित करने के लिए केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी को धन्यवाद दिया।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में छत्ताीसगढ़ के समस्त नक्सल पीड़ित क्षेत्रों में सड़क निर्माण के सभी कार्यों को हर हाल में पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र के सहयोग से मिलकर हम इस संकल्प को जरूर पूर्ण करेंगे। छत्ताीसग़़ढ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की कठिन परिस्थितियों में स़़डकों का निर्माण निश्चित रूप से ब़़डी चुनौती है। बस्तर अंचल में इस कार्य में हमारे अनेक जवान शहीद हुए हैं। वहां के कुछ दुर्गम क्षेत्रों में ग्रामीणों को राशन सामग्री और सुरक्षा बलों को रसद पहुचाने के लिए हमें हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करना प़़डता है।
डॉ. सिंह ने कहा कि स़़डकों के निर्माण में नक्सली रूकावट डालते हैं, लेकिन अब परिस्थितियों तेजी से बदल रही हैं। हम पुलिस हाऊसिंग कार्पोरेशन और दूसरी एजेंसियों के जरिए भी काम करवा रहे हैं।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि इन क्षेत्रों में छोटे-छोटे हिस्सों में कार्य स्थानीय युवाओं को दिया जाएगा। केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री हरिभाई चौधरी ने छत्ताीसग़़ढ में इस महत्वपूर्ण बैठक के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। श्री चौधरी ने भी कहा कि यह एक अच्छी पहल है, क्योंकि माओवादी हिंसा पूरे देश के लिए एक गंभीर समस्या है। सभी नक्सल पी़ि़डत राज्यों ने प्रधानमंत्री की भावना के अनुरूप इस बैठक में जो एक जुटता दिखायी है, वह सराहनीय है।
बैठक में उत्तार प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सुरेन्द्र पटेल, मध्यप्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सरताज सिंह, छत्ताीसगढ़ के लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत, तेलांगाना के लोक निर्माण मंत्री टी. नागेश्वर राव, ओड़िशा के वन एवं पर्यावरण मंत्री विक्रम केशरी आर्य और महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री चंद्रकांत पाटिल भी शामिल हुए।