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नसबंदी कांड पर दूसरे दिन भी हंगामा, 30 कांग्रेस विधायक निलंबित

रायपुर [ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी मंगलवार को बिलासपुर जिले के नस

By Edited By: Published: Wed, 17 Dec 2014 05:41 AM (IST)Updated: Wed, 17 Dec 2014 03:29 AM (IST)
नसबंदी कांड पर दूसरे दिन भी हंगामा, 30 कांग्रेस विधायक निलंबित

रायपुर [ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी मंगलवार को बिलासपुर जिले के नसबंदी शिविरों में महिलाओं की मौत को लेकर जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के चलते सदन की कार्रवाई तीन बार स्थगित करनी प़़डी। प्रश्नकाल भी नहीं चला। मुख्य विपक्षी कांग्रेस के विधायकों ने सदन के भीतर पोस्टर दिखाए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस के तीस विधायक गर्भगृह में चले गए और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव सहित सभी कांग्रेस विधायक स्वमेव निलंबित हो गए। कांग्रेस विधायकों ने सदन के बाहर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने भी धरना-प्रदर्शन किया। कांग्रेस के विधायक मंगलवार को काले कपडे़ पहनकर विधानसभा में पहुंचे थे। हंगामे के बीच मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया।

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सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने प्रश्न पूछने के लिए निर्दलीय विधायक डॉ. विमल चोपड़ा का नाम पुकारा। इस बीच नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने नसबंदी कांड का मामला उठाया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने आपत्ति करते हुए कहा कि प्रश्नकाल में भाषण की परंपरा नहीं है। कुछ कहना है तो वे प्रश्नकाल के बाद अपनी बात रख सकते हैं। इसके बाद कांग्रेस के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी जवाब में नारेबाजी की। शोरशराबे के बीच कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल के इस्तीफे की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस पर मैंने व्यवस्था दी थी कि इस्तीफा सदन का विषय नहीं है। इस बीच कांग्रेस विधायक सदन में पोस्टरनुमा कागज दिखाने लगे, जिसमें 'मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा दो' के नारे लिखे हुए थे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पोस्टर प्रदर्शित करना ठीक नहीं है। नारेबाजी शांत नहीं होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने पर कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि महावर फार्मा पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। इस पर संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि कल स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी, लेकिन विपक्ष ने हिस्सा नहीं लिया। इस दौरान विपक्षी विधायक नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में चले गए और स्वमेव निलंबित हो गए। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी निलंबित सदस्यों को सदन से बाहर जाने के लिए कहा, लेकिन कांग्रेस के विधायक गर्भगृह में ही बैठे रहे और नारेबाजी जारी रखी। शोरशराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

कार्रवाई स्थगत होने के बाद भी विपक्षी सदस्य गर्भगृह में ही बैठे रहे। कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी विधायकों ने फिर से नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की। सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री जिंदाबाद के नारे लगाए। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि दो दिन से कार्रवाई बाधित है।

राज्य शासन हर तरह की चर्चा के लिए तैयार है। इसके बाद भी कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते रहे और सदन की कार्यवाही तीसरी बार दस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद कांग्रेसी विधायक सदन से बाहर चले गए। सदन की कार्रवाई पुन: शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों का निलंबन समाप्त करते हुए उनसे कार्यवाही में हिस्सा लेने का आग्रह किया, लेकिन कांग्रेस विधायक दोबारा सदन में नहीं आए। विपक्ष की गैर-मौजूदगी में राज्य सरकार की ओर पेश किए गए सभी संशोधन विधेयक व संकल्प को पारित कर दिया गया।

विपक्ष ने किया नियमों का उल्लंघन : विधानसभा अध्यक्ष

विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने व्यवस्था दी कि प्रश्नकाल में प्रतिपक्ष के सदस्य एक पोस्टरनुमा कागज लहराते हुए नारेबाजी करते रहे। आसंदी द्वारा सभा की कार्रवाई स्थगित करने के बाद भी जब पुन: कार्रवाई प्रांरभ हुई तब भी विपक्षी सदस्यों ने अपनी नारेबाजी जारी रखी और गर्भगृह में प्रवेश किया। निलंबित सदस्यों को सभा कक्ष से बाहर चले जाना चाहिए, किंतु वे सभाकक्ष से बाहर नहीं गए। इस प्रकार इन्होंने इस सभा द्वारा बनाए गए नियमों का उल्लंघन किया।

सदन के कार्य संचालन की नियमावली सदन ने ही बनाई है, जिसके वे अविभाज्य अंग हैं। यदि वे अपने द्वारा बनाए गए नियमों का पालन नहीं करते हैं तो वे स्वयं अपनी ही अवमानना करते हैं। सभा और स्वयं की गरिमा को बनाए रखना सदस्यों का ही दायित्व है। मैं यह उनके विवेक पर छोड़ता हूं कि अपनी स्वयं की गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए उन्हें किस प्रकार का आचरण करना चाहिए।


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