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नक्सलियों के क्रॉसिंग पॉइंट पर जवान करेंगे वार

रायपुर [ब्यूरो]। सुकमा में नक्सली हमले के बाद सीआरपीएफ और पुलिस के आला अधिकारियों की बीच हुई बैठक मे

By Edited By: Published: Thu, 04 Dec 2014 04:55 AM (IST)Updated: Thu, 04 Dec 2014 01:46 AM (IST)
नक्सलियों के क्रॉसिंग पॉइंट पर जवान करेंगे वार

रायपुर [ब्यूरो]। सुकमा में नक्सली हमले के बाद सीआरपीएफ और पुलिस के आला अधिकारियों की बीच हुई बैठक में नक्सल अभियान की रणनीति पर मंथन हुआ। इसमें तय किया गया कि बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मानव रहित विमान [यूएवी] से सर्चिग तेज की जाएगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एरिया डॉमिनेशन के बाद तत्काल नए कैंप खोलने की तैयारी की गई है। हर दस किलोमीटर पर एक कैंप खोलने का निर्देश दिया गया है। नक्सलियों के क्रॉसिंग पॉइंट को तो़़डने के लिए विशेष अभियान चलाने की तैयारी है। आंध्रप्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र सीमा से लगे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संयुक्त अभियान चलाने पर भी मंथन किया गया। इसके साथ ही नक्सल मोर्चे पर ज्यादा जवानों की तैनाती और नए हेलीकॉप्टर भी मिलेंगे।

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पुलिस मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, नक्सल अभियान में जुटे जवानों को सबसे ज्यादा दिक्कत आपस में संपर्क स्थापित करने में हो रही है। मोबाइल नेटवर्क नहीं होने के कारण संपर्क के लिए सेटेलाइट फोन पर निर्भर होना प़़डता है। केंद्र सरकार को 20 और सेटेलाइट फोन के लाइसेंस के लिए दो महीने पहले प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन अब तक लाइसेंस जारी नहीं हुआ है। प्रदेश के आला अधिकारियों ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह की बैठक में इसकी जानकारी दी है। बस्तर में आसमान से नक्सलियों पर नजर रखने के लिए मानवरहित विमान ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन इसका बेस सेंटर हैदराबाद एवं भिलाई होने से यह सही समय पर नक्सलियों की सूचना देने में सफल नहीं हो पा रहा है। पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के अनुसार, ड्रोन का बेस सेंटर बस्तर में बनाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। केन्द्रीय गृहमंत्री के साथ हुई बैठक में भी ड्रोन को लेकर चर्चा हुई है। अधिकारियों ने बताया कि भिलाई से बस्तर की दूरी 300 किमी होने के कारण भी फौरन ड्रोन की सेवाएं मिलना मुमकिन नहीं है।

दस जवानों को हुआ था मलेरिया

सुकमा में हुए नक्सली हमले में मारे गए और घायल जवानों में से दस को मलेरिया हुआ था। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार, सीआरपीएफ के जवानों पर जब नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू की, उस समय दस जवान मलेरिया से पी़ि़डत थे। सीआरपीएफ के आईजी एचएस सिद्धू पास की दूसरी टुक़़डी का नेतृत्व कर रहे थे। जैसे ही नक्सलियों की गोलीबारी की सूचना मिली, तो सिद्धू की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक 14 जवान शहीद हो चुके थे।

एक महीने में खुले चार कैंप

पुलिस ने एक महीने में चार नए कैंप खोले हैं। इनमें डोमीकला, धर्मापेंटा, पुष्पाल और तुंगनार शामिल है। डोमीकला राजनांदगांव में सीतागांव और औंधी के बीच है। धार्मापेंट क्रिस्टाराम और आंध्रप्रदेश बार्डर को जो़़डने का काम कर रहा है। इस कैंप की चारो तरफ नक्सलियों ने आईईडी लगा दिया है और मंगलवार से लगातार गोलीबारी कर रहे हैं। पुष्पाल सुकमा को ओडिशा बार्डर से जोड़ने का काम कर रहा है। यह कैंप तोंगपाल थाने से दस किलोमीटर दूर है। तुंगनार गीदम को बीजापुर रोड से जो़़ड रहा है। इन चारों कैंप के खुलने से नक्सलियों के क्रॉसिंग पॉइंट खत्म हुए हैं।


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