नक्सलियों ने चार अधिकारियों को बनाया बंधक, 24 घंटे बाद छोड़ा
रायपुर, सुकमा। पीएमजीएसवाय के कार्यपालन अभियंता समेत चार अफसरों को नक्सलियों ने रविवार को जगरगुंडा म
रायपुर, सुकमा। पीएमजीएसवाय के कार्यपालन अभियंता समेत चार अफसरों को नक्सलियों ने रविवार को जगरगुंडा मार्ग स्थित जग्गावरम गांव में बंधक बना लिया। करीब 24 घंटे तक बंधक बनाए रखने के बाद सोमवार दोपहर 12 बजे नक्सलियों ने चारों को दोबारा न आने की चेतावनी देकर रिहा कर दिया।
कार्यपालन अभियंता मोहन राव ने बताया कि रविवार सुबह लगभग साढे़ दस बजे उनकी टीम सड़क की डिटेल प्रोग्राम रिपोर्ट के लिए दोरनापाल से जगरगुंडा मार्ग पर निकली थी। पुसवाड़ा होते हुए वे सभी ढाई बजे जग्गावरम पहुंचे। टीम में ईई मोहन राव के साथ सब इंजीनियर भूपेश नेताम व प्रणव खांडेकर तथा रायपुर से आए कंसलटेंट राहुल शामिल थे। गांव पहुंचते ही लगभग 20 हथियारबंद नक्सलियों ने उनको बंधक बना लिया। उन्हें वहीं जमीन पर बैठने को कहा गया। करीब पांच घंटे बाद नक्सलियों ने शाम साढे़ सात बजे चारों से पूछताछ की।
अधिकारियों ने नक्सलियों को बताया कि वे सड़क निर्माण की डिटेल प्रोग्राम रिपोर्ट बनाने यहां आए हैं। इस पर नक्सलियों ने चेतावनी देते कहा कि यहां ़कक की कोई जरूरत नहीं है और वे दोबारा न आएं, वरना ठीक नहीं होगा।
चेतावनी देने के बाद अधिकारियों को वहां मौजूद झोपड़ी में बैठ जाने को कहा। रात में नक्सलियों ने उन्हें लौकी की सब्जी व भात खिलाया। सोमवार सुबह अगवा अधिकारियों को चाय पिलाई गई व दोपहर में चावल-सब्जी खाने को दिया गया। इसके बाद सोमवार दोपहर 12 बजे उन्हें रिहा कर दिया गया। दोपहर करीब तीन बजे चारों अधिकारी दोरनापाल पहुंचे और शाम पांच बजे जिला कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर नीरज कुमार बंसो़़ड को इस घटना की जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार नक्सलियों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार नहीं किया। नक्सलियों ने उनसे तेलगु व गोंडी में बातचीत की।
शिक्षक व स्वास्थ्यकर्मियों को ही इजाजत
नक्सलियों ने पीएमजीएसवाय के अधिकारियों को स़़डक न बनाने की चेतावनी देते कहा कि गांव में सिर्फ शिक्षक, आंगनबा़़डी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य कर्मचारी ही आ सकते हैं। इनके अलावा अन्य सरकारी कर्मचारी का गांव में प्रवेश प्रतिबंधित है। उल्लघंन करने पर सजा दी जाएगी।
विकास कार्य पर असर नहीं
नीरज कुमार बंसोड़, कलेक्टर सुकमा ने कहा कि इस तरह की घटना से अधिकारियों व कर्मचारियों का मनोबल कमजोर होता है। लेकिन इस घटना का असर विकास कार्यो पर नहीं प़़डेगा और सुरक्षा के साथ सामंजस्य बनाकर कार्य किए जाएंगे।