बिजली उत्पादन पर नहीं पडे़गा असर: रमन
रायपुर [ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ के 44 कोल ब्लॉक का आवंटन सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। इनमें से आठ खदानों में खनन चालू था। खदानों का आवंटन निरस्त करने का छत्तीसगढ़ के बिजली उत्पादन पर असर नहीं पड़ेगा। देश में कोयला आधारित सार्वजनिक क्षेत्र की 90 फीसदी बिजली परियोजनाएं कोल इंडिया के लिंकेज से ही कोयला लेती हैं, ऐसे में आवंटन रद्द होने के बावजूद बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है।
नई दिल्ली रवाना होने से पहले पत्रकारों से चर्चा में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छह महीने तक कोई ऊर्जा संकट नहीं है। छह महीने के अंदर केंद्र सरकार कोई व्यवस्था देगी। कोल इंडिया कोयले को किस दर पर बेचेगी यह उस पर निर्भर करता है। इससे बिजली की कीमतों पर कोई असर नहीं प़़डेगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले और घोटाले के लिए कौन जिम्मेदार है? इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इसके लिए किसे जिम्मेदार कहा जा सकता है। 1993 के बाद से कई सरकारें रहीं। नीतिगत विषयों पर जिम्मेदारी तय करनी होगी।
अपर मुख्य सचिव एन बैजेंद्र कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार जो भी नीति बनाएगी, राज्य सरकार उस पर अपना पक्ष रखेगी।
खनिज सचिव सुबोध सिंह ने कहा कि कोल ब्लॉक का आवंटन निरस्त होने से उत्पादन पर कोई खास असर नहीं पडे़गा। छत्तीसगढ़ पॉवर जनरेशन कंपनी के पास दो और सीएमडीसी के पास चार कोल ब्लॉक थे। इनका आवंटन भी निरस्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार से सरकारी कंपनियों को आवंटित कोल ब्लॉक के आवंटन को लेकर अनुरोध किया जाएगा। इसके साथ ही अन्य कोल ब्लॉक को लेकर केंद्र सरकार जो गाइडलाइन जारी करेगी, उसके आधार पर काम किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों की बंदरबांट और लूट बडे़ पैमाने पर हुई है। आवंटन निरस्त होने के बाद अब कोल ब्लॉक की नए सिरे से नीलामी होगी।
केंद्र सरकार को नीलामी के समय यह ध्यान देना होगा कि देश की जरूरत के आधार पर कोल ब्लॉक आवंटित किए जाएं, न कि सिर्फ कार्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए। इसमें पर्यावरण और आदिवासियों के हितों की भी चिंता की जाए।