धर्मातरण पर संजीदा नजर आए भागवत
रायपुर, बिलासपुर [निप्र]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह मोहन भागवत की पाठशाला में बुधवार को धर्मातरण का मुद्दा छाया रहा। विश्व हिंदू परिषषद, वनवासी कल्याण आश्रम व अन्य अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों की मौजूदगी में धर्मातरण पर प्रभावी रोक तरीके से लगाने पर जोर दिया। बैठक में दूरस्थ वनवासियों की सुविधाओं और वनवासी बच्चों की शिक्षा-दीक्षा को लेकर अनुषांगिक संगठनों के कामकाज की विस्तार से समीक्षा की गई।
संघ प्रमुख भागवत की पाठशाला में दूसरे दिन संघ के अलावा अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों की मौजूदगी रही।
बुधवार को सुबह से लेकर देर रात तक चली बैठकों में अनुषांगिक संगठनों के कामकाज पर विशेष फोकस किया गया। शहरी इलाकों में चलाई जा रही संगठनात्मक गतिविधियों के अलावा ग्रामीण इलाकों में संगठन को मजबूत करने की बात कही। संघ प्रमुख ने वनवासी क्षेत्रों में चलाए जा रहे कार्यो पर विशेषष चि ली।
भागवत ने वनवासी क्षेत्रों में चल रहे कार्य को सराहा व बगैर किसी डर के बढ़चढ़कर काम करने पर जोर दिया। छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश के चुनिंदा पदाधिकारियों के बीच हुई बैठक में वाषिर्षक गतिविधियों की जानकारी ली।
अमरकंटक का किया भ्रमण
बैठक के बाद संघ प्रमुख श्री भागवत ने दोपहर तीन बजे मृत्युंजय आश्रम से निकलकर अमरकंटक के प्रमुख दर्शनीय स्थल कपिलधारा, दुग्धधारा, सोनमु़़डा, माई की बगिया का भ्रमण किया। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य की उन्होंने तारीफ की। इसके बाद वे नर्मदा मंदिर पहुंचे।
नर्मदा मंदिर के मुख्य पुजारी सुनील महाराज ने बताया कि श्री भागवत ने नर्मदा माई की पूजा अर्चना की और आरती में शामिल हुए। इसके बाद मंदिर का भ्रमण किया। वे कुछ देर मंदिर परिसर में बैठे रहे। इसके बाद मृत्युंजय आश्रम के लिए रवाना हो गए।