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राज्य के 70 अफसरों पर मंडराया खतरा

By Edited By: Published: Thu, 07 Aug 2014 05:23 AM (IST)Updated: Thu, 07 Aug 2014 01:12 AM (IST)
राज्य के 70 अफसरों पर मंडराया खतरा

बिलासपुर [निप्र]। राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2003 में आयोजित परीक्षा में जारी चयन सूची में बडे़ पैमाने पर की गई अफरा-तफरी का मामला सामने आया है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के बाद की गई स्केलिंग में तो गड़बड़ी की गई है। इस गफलत को सुधारने के एवज में ही 147 चयनित अफसरों में तकरीबन 70 के अधिकारियों के पद पर परिवर्तन हो जाएगा। 19 की नौकरी चली जाएगी। 5 डिप्टी कलेक्टरों का भी संवर्ग बदल जाएगा।

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पीएससी 2003 में 3 उम्मीदवारों का नाम चयन सूची में नाम शामिल करने के बजाय आयोग ने चालाकी करते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसमें रविंद्र सिंह, वर्षा डोंगरे व चमन लाल सिन्हा शामिल हैं। चयन सूची से बाहर किए जाने के बाद इन आवेदकों ने हार नहीं मानी और अपने स्तर पर गड़बड़ी से पर्दा उठाने की कोशिश करते रहे। चयन सूची में बडे़ पैमाने पर की गई गड़बड़ी की शिकायत हाईकोर्ट तक जा पहुंची है। इस मामले में 8 साल से सुनवाई हो रही है। इस बीच राज्य शासन ने एंटी करप्शन ब्यूरो से इस पूरे मामले की जांच पड़ताल कराई थी। एसीबी ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल व राज्य शासन के हवाले कर दिया था।

उत्तर पुस्तिकाओं की जांच, एसीबी की जांच रिपोर्ट और स्केलिंग के तहत उम्मीदवारों को जारी किए गए अंकों को लेकर रविंद्र सिंह ने राजभवन के अलावा आयोग के समक्ष सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार मानव विज्ञान विषय लेकर जिन 6 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी, उनको मुख्य विषय में समान अंक तो मिले पर स्केलिंग में इनके नंबर असमान कर दिए गए। जिनको मुख्य विषय में 200 अंक मिले स्केलिंग के बाद अंकों में भारी असमानता है। 200 अंक पाने वाले एक उम्मीदवार को 170.21 फीसद तो इतने ही अंक पाने वाले एक उम्मीदवार को 239.24 फीसद अंक देकर उपकृत करने का मामला भी सामने आया है। जिनको नौकरी देनी थी उनके नंबर अधिक और जिनको चयन प्रक्रिया से बाहर रखना था उनको स्केलिंग के बाद कम नंबर दे दिए गए। 9 चयनित उम्मीदवार और 9 ऐसे उम्मीदवार जिनको चयन सूची से बाहर कर दिया है इनकी उत्तर पुस्तिकाओं की जानकारी मांगी गई थी। इसमें जिन उम्मीदवारों ने सही सवाल हल किया है उसे गलत कर दिया गया है। गलत सवाल को सही कर अच्छे अंक दे दिए गए हैं।

पीएससी ने 3 महीने में दुस्त करने किया था वायदा

हाईकोर्ट के नोटिस के बाद पीएससी ने 26 अक्टूबर 2007 को अपने जवाब में स्केलिंग में गलती की बात को स्वीकार किया था। साथ ही 12 बिंदु तय करते हुए हाईकोर्ट को जानकारी दी थी कि जांच और नए सिरे से साक्षात्कार के लिए सूची बनाने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा। 6 साल बाद भी पीएससी ने 12 बिंदुओं पर काम ही नहीं किया।

वर्ष 2003 की चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर हम लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका दायर करने के पहले हम लोगों ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी एकत्रित की है। इसमें बडे़ पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है-रविंद्र सिंह, याचिकाकर्ता व आरटीआई एक्विस्ट।


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