नक्सलियों ने तय की गाड़ियों की एंट्री फीस
रायपुर, जगदलपुर [ब्यूरो]। आर्थिक रूप से कमजोर हो रहे नक्सलियों ने अपनी स्थिति सुधारने वसूली शुरू कर दी है। जीरम घाटी में की गई बड़ी वारदातों से व्याप्त दहशत का अब आर्थिक लाभ उठाने लगे हैं। कुछ दिनों पहले कोकावाड़ा के जंगलों में हुई इनकी महत्वपूर्ण बैठक के बाद नक्सलियों ने सरपंच-सचिव के साथ ही केशलूर-कोन्टा नेशनल हाईवे नम्बर 30 पर दौड़ने वाली वाहनों से भी इन्ट्री के नाम से वसूली शुरू कर दी है
सूत्रों ने बताया कि बस्तर जिला के दरभा ब्लाक अंर्तगत कोकावाड़ा पंचायत के जंगलों में दो सप्ताह पूर्व नक्सलियों ने बैठक आयोजित की थी। इसमें सीमान्ध्र, ओडीसा ,तेलंगाना और छग के कई बडे़ नक्सली शामिल हुए थे। बताया गया कि बैठक में दरभा क्षेत्र के कई सरपंच-सचिव, जनपद सदस्य के अतिरिक्त कुछ वाहन संचालक समेत डेढ़ सौ से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।
बैठक में माओवादियों ने निर्णय दिया है कि दरभा-छिंदगढ़ जनपद क्षेत्र के प्रत्येक पंचायत के सरपंच-सचिव प्रति वर्ष स्थानीय दलम् को दस हजार रुपए देगें। यह राशि सेन्ट्रल कमेटी तक पहुंचा दी जाएगी। नक्सलियों ने जीरम घाटी से होकर गुजरने वाली वाहनों के लिए भी इंट्री निर्धारित कर दिया है।
सूत्रों ने बताया कि केशलूर-कोन्टा एन एच 30 से होकर गुजरने वाली ट्रकों को 10 हजार और ट्रेक्टर व जीप चालकों को पांच-पांच रुपए देना होगा।
जब से नक्सलियों व्दारा सालाना इन्ट्री की लेने की खबर दरभा- तोंगपाल क्षेत्र में फैली है, तब से एन एच के अलावा संपर्क मार्ग पर दौड़ती वाहनों के संचालक भी काफी परेशान हैं।
बताया गया कि जब से नक्सलियों पर दबाव बढ़ा है, तब से उनका आर्थिक तंत्र भी कमजोर हुआ है, लिहाजा माओवादी इसे मजबूत करने कई हथकंडे अपनाने लगे हैं।
तस्दीक जारी है
नक्सलियों द्वारा सरपंच-सचिवों और ट्रक, ट्रेक्टर व टैक्सी संचालकों से प्रति वर्ष पांच हजार से लेकर दस हजार रुपए वसूले जाने की खबर मीडिया सूत्रों से मिली है,परन्तु कथित क्षेत्र से ऐसा कोई नक्सली पर्चा या पोस्टर नहीं मिला है, जिसमें उपरोक्त बातों का उल्लेख हो। इस प्रकरण की तस्दीक की जा रही है-एस आर पी कल्लूरी, आईजी बस्तर।