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तीन इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

By Edited By: Published: Sun, 20 Jul 2014 05:15 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jul 2014 01:11 AM (IST)

रायपुर, अंतागढ़ [निप्र]। तीन इनामी नक्सलियों ने शनिवार को सीमा सुरक्षा बल के उपरपारा स्थित कैम्प में बीएसएफ व पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें एक नक्सली दंपति भी है। तीनों 2005 से नक्सली अभियान से जुडे़ थे। राज्य शासन ने इन पर एक से लेकर दो लाख रपए तक के इनाम घोषित किए थे। 29 अगस्त 2010 को भुसकी में एम्बुस लगाकर किए गए नक्सली हमले में तीनों ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। इस हमले में सीमा सुरक्षा बल के तीन व छत्तीसगढ़ पुलिस के दो जवान शहीद हुए थे। अन्य कई नक्सली गतिविधियों में भी तीनों संलिप्त रहे।

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आत्मसर्पण करने वाले नक्सलियों में मिलेट्री कम्पनी प्लाटून के सक्रिय सदस्य सोमेश [30 वर्ष] पिता निलेश नुरेटी निवासी धनेली थाना कोरर, बत्ताी बाई [23 वर्ष] पति दिलीप निवासी सराडुघामरे थाना दुर्गूकोंदल और दिलीप [25 वर्ष] पिता माहर पोटाई निवासी पिपली थाना बड़गांव शामिल हैं। सोमेश प्लाटून नम्बर-2 का कमांडर, बत्ताी बाई सेक्शन नम्बर-2 की सदस्य और दिलीप प्लाटून नंबर-2 का सेक्शन कमांडर था। तीनों कांकेर, नारायणपुर तथा महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के सक्रिय मिलेट्री कम्पनी नम्बर-5 से संबंधित थे।

सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक एचएस चाहर तथा बस्तर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लुरी के समक्ष बीएसएफ चौकी अंतागढ़ में तीनों ने आत्मसमर्पण किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक आरएन दास, एसडीओपी दौलतराम पोर्ते, यूके नायल, वाईडी वशिष्ठ, एसके गुप्ता, निमन बक्सला, राजीव बिस्ट, थाना प्रभारी अंतागढ़ जीएस ठाकुर, एसआई राठौर व सीमा सुरक्षा बल के जवान उपस्थित थे।

सिविक एक्शन कार्यक्रम से प्रेरित

सोमेश नक्सलियों के रेडिकल स्टूडेंट संगठन का सक्रिय सदस्य रहा। वह आईईडी बनाने व लगाने में माहिर है। आत्मसमर्पण के दौरान उसने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के सिविक एक्शन कार्यक्रम से प्रेरित होकर उसने आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया।

पुलिस अन्य जानकारियां जुटा रही

सुकमा। जिला पुलिस बल ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के रूप में काम करने वाले भिलाई के एक व्यापारी व केरलापाल निवासी एक वाहन चालक को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया है।

शनिवार शाम को एसडीओपी लखन पटले ने पत्रवार्ता में इसकी जानकारी देते बताया कि 24 जून को मांझीपारा से पोगाभेज्जी के रोजगार सहायक पूनम देवा को गिरफ्तार किया गया था।

पूछताछ के दौरान उसने कई अहम खुलासे किए। भिलाई स्थित तुलसी हार्डवेयर से लाखों रुपए के व जगदलपुर से कुछ सामान लाने की बात उसने स्वीकार की। पुलिस ने भिलाई स्थित दुकान के मालिक योगेश वरदानी [खुर्शीपारा निवासी] को बुलाया। बातचीत में उसने सामान भेजने की बात स्वीकार की।

पटले ने बताया कि केरलापाल निवासी वाहन चालक रामाधार वर्मा ने देवा की मुलाकात योगेश से करवाई थी। इस वाहन से दो-तीन बार सामान लाने के लिए भी देवा जा चुका है। एक बार नक्सली मोहन भी वाहन में भिलाई जा चुका है। यहां से फोन पर आर्डर दिए जाते थे और योगेश के दोस्त के खाते में पैसे डाले जाते थे। फिर महावीर ट्रांसपोर्ट, भवानी ट्रांसपोर्ट व बसों से कई बार सामान आया। जिला पुलिस ने रामाधार वर्मा को केरलापाल व योगेश को शुक्रवार को भिलाई से जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया है। इन्हें शनिवार को न्यायालय के समक्ष पेश कर रिमांड पर लिया गया है।

इन सामानों की हुई सप्लाई

पटले ने बताया कि पिछले एक साल में करीब तीन लाख रुपए पंजाब नेशनल बैंक के माध्यम से व्यापारी को भेजे गए हैं। करीब दो लाख रुपए नकद से सामानों की खरीदी की गई है। खरीदे गए सामानों में हैंड ड्रिलिंग मशीन, लोहे की पाइप, जनरेटर, नट- बोल्ट, लोहे के दुक़़डे व अन्य विस्फोटक सामग्री खरीदी गई है।

और भी होंगे खुलासे

एसडीओपी ने पूनम देवा से कई अहम जानकारी मिलने की बात कही है। करीब डेढ़ लाख की वर्दी जगदलपुर से खरीदी गई। सुकमा के कई व्यापारी व ठेकेदारों से नक्सलियों को सहयोग मिलने की बात भी उन्होंने कही। पुलिस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।


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