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बच्ची बेचने वाले गुरुकुल बाल आश्रम संचालक को 5 वर्ष की कैद

By Edited By: Published: Wed, 17 Apr 2013 02:55 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2013 02:56 PM (IST)
बच्ची बेचने वाले गुरुकुल बाल आश्रम संचालक को 5 वर्ष की कैद

रायपुर। गुरुकुल बाल आश्रम में मासूम बच्चों की खरीद-फरोख्त के मामले में आश्रम के संचालक नारायण राव को मंगलवार को रायपुर की जिला अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई।

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न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना 2 मार्च, 2010 की है। राजीव ब्रिगेड के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल को खबर मिली थी कि गुरुकुल बाल आश्रम में पैसे लेकर अनाथ बच्चे बेचे जाते हैं। संजीव ने इसकी जानकारी होने पर सहारा समय न्यूज चैनल से संपर्क किया और चैनल ने एक स्टिंग ऑपरेशन कर नारायण राव को महज एक महीने की मासूम बच्ची को बेचते हुए रंगे हाथों पकड़ा।

चैनल ने राजीव ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं के साथ बच्ची को तुंरत ही पुलिस की जानकारी में अंबेडकर अस्पताल के संरक्षण में रखवाया और फिर नारायण राव के खिलाफ एफआईआर भी करवाई। कोर्ट को ढाई लाख रुपये का सेल्फ चेक नारायण राव को मिलने का साक्ष्य मिला। चूंकि स्टिंग ऑपरेशन में उसे रंगे हाथ पकड़वाना था, इसलिए बैंक के अधिकारी को चेक देने के पूर्व सूचित कर दिया गया था कि चेक भुनाने पहुंचते ही पुलिस को खबर कर दी जाए। बैंक अधिकारियों ने ऐसा ही किया। इधर चैनल ने राव को चेक देते और बदले में बच्ची सौंपते हुए वीडियो रिकार्डिग की, जो बाद में अदालत में सबूत भी बनी।

उरला पुलिस ने राव के खिलाफ धारा 372, 201 का अपराध दर्ज कर एक महीने बाद चार्जशीट अदालत में पेश की थी। मंगलवार को चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार ने इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई की। सरकारी वकील रंजित मिश्रा ने जज के सामने जिरह साक्ष्य के प्रमाण दिए। लंबी बहस के बाद गुरुकुल बाल आश्रम के संचालक नारायण राव के खिलाफ सबूत मिलने तथा आरोप तय हो जाने पर जज ने उसे दोनों धाराओं में पांच साल की सजा सुनाई।

विस में उठा था मामला

मासूम बच्चे को बेचने का मामला उस समय विधानसभा में भी जोर-शोर से उठा था। इसके बाद जांच के लिए सदन की एक कमेटी भी बनाई गई थी। फिलहाल कमेटी के पास यह प्रकरण लंबित है। संजीव अग्रवाल और योगेश्वर गौते ने न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत करते हुए सरकार से मांग की है कि गुरुकुल आश्रम समेत प्रदेश के ऐसे तमाम अनाथ आश्रमों की व्यवस्था की सुध ले।

क्या था मामला

दुर्ग जिले के भिलाई सेक्टर चार निवासी रिक्शा चालक जागोदीप द्वारा फरवरी, 2010 में नंदनवन हथबंद स्थित गुरुकुल बाल आश्रम में परवरिश के लिए छोड़ी गई एक माह की अनाथ बच्ची को वैशालीनगर, गुढि़यारी निवासी योगेश्वर राव गौते को गोद देने के नाम पर ढाई लाख रुपये की सौदेबाजी करने का मामला सामने आया था। इस पूरे मामले को सहारा न्यूज चैनल ने योगेश्वर राव को पैसे का चेक देकर स्टिंग ऑपरेशन के जरिए मानव तस्करी का भंडाफोड़ किया था। इसके बाद हरकत में आई पुलिस और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने आश्रम में जाकर जांच की। जांच में दो बच्चों को गायब पाया था। बाद में उरला पुलिस ने आश्रम संचालक नारायण राव के खिलाफ मानव तस्करी का अपराध दर्ज करने के साथ उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एक माह बाद पुलिस ने राव के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर अदालत में पेश किया था, जिसका मंगलवार को सुनवाई के बाद फैसला आ गया।

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