तीन अरब के घोटालेबाज दलाल ने किया समर्पण
रायपुर। प्रदेश के बहुचर्चित आदर्श गैस घोटाले के फरार इनामी आरोपी एजेंसी संचालक संदीप दयाल ने सोमवार दोपहर न्यायायिक मजिस्ट्रेट नीरू सिंह की अदालत में सरेंडर कर दिया। घोटालेबाज को गिरफ्तार करने से अब तक बचती आ रही पुलिस, सरेंडर की खबर मिलते ही पहुंची और उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर ले लिया। अगस्त 2012 में आदर्श गैस एजेंसी चंदखुरी का तीन अरब रुपये सब्सिडी घोटाला का मामला सामने आया था।
देश के सबसे बड़े रसोई गैस सब्सिडी घोटाले में चंदखुरी के आदर्श गैस एजेंसी का घोटाला दर्ज हो चुका है। इस घोटाले की पहली परत तत्कालीन एसडीएम आरंग-अभनपुर सौमिल रंजन चौबे एवं सहायक खाद्य अधिकारी संजय दुबे ने खोली थी। इसके एक माह बाद आदर्श गैस एजेंसी के संचालक संदीप दयाल के खिलाफ मंदिर हसौद थाने में कलेक्टर के निर्देश पर चोर बाजारी अधिनियम और चार सौ बीसी का अपराध दर्ज कराया गया। आदर्श गैस एजेंसी चंदखुरी पर भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने 87.57 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसे अब तक जमा नहीं किया गया है।
इसके बाद पुलिस ने संचालकर पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया। सात माह से पुलिस को छकाते आ रहे संदीप दयाल की गिरफ्तारी का प्रयास कथित तौर पर राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण नहीं किया गया। पुलिस ने उसे कोर्ट से अग्रिम जमानत लेने का भरपूर मौका दिया, लेकिन आरोपी को जमानत नहीं मिल पाई।
दवाब में सरेंडर का दावा
विशेष अनुसंधान सेल के प्रभारी व एएसपी आईएच खान का कहना है कि इनामी आरोपी के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी करवाने के साथ उसकी चल-अचल संपत्ति की कुर्की की तैयारी की जा रही थी। उनका दावा है कि पुलिस के लगातार दबाव के चलते उसने गिरफ्तारी से बचने कोर्ट में सरेंडर किया है। उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। इस अवधि में उससे घोटाले के संबंध में विस्तार से पूछताछ की जाएगी।
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