जीएसटी के आने के बाद भी नहीं हटेंगे ये कर, जानिए
जीएसटी कानून के आने के बाद भी कुछ कर व्यवस्थाएं पहले की ही तरह देश में बनी रहेंगी।
नई दिल्ली (प्रवीण द्विवेदी): केंद्र सरकार मौजूदा अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के अंतर्गत आने वाले तमाम करों को एक मंच पर लाने की कोशिश में जुटा हुआ है, अगर सरकार अपने लक्ष्य के मुताबिक एक बिल को कानून की शक्ल दे पाती है तो तमाम तरह के कर मसलन एक्साइज ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी, लक्जरी टैक्स और सर्विस टैक्स इत्यादि सभी खत्म हो जाएंगे और फिर अप्रत्यक्ष कर के संदर्भ में देश में सिर्फ एक कर व्यवस्था लागू होगी, जिसे जीएसटी का नाम दिया गया है। लेकिन जीएसटी के आने के बाद भी कुछ कर व्यवस्थाएं पहले की ही तरह देश में बनी रहेंगी। हमने इस बारे में टैक्स एक्सपर्ट और चार्टेड अकाउंटेंट अंकित गुप्ता से बात की है।
कर्मचारियों से जुड़े कर: कर्मचारी वर्ग से जुड़े कुछ कर मसलन प्रोविडंट फंड, ईएसआई और ग्रैच्युटी इत्यादि जीएसटी के आने के बाद भी पहले की ही तरह काम करते रहेंगे।
आयकर: जैसा कि हमने ऊपर स्पष्ट किया है कि जीएसटी का संबंध देश की मौजूदा अप्रत्यक्ष कर प्रणाली से होगा, इसलिए आयकर जीएसटी कानून आने के बाद भी अमल में जारी रहेगा, क्योंकि आयकर का मसला प्रत्यक्ष कर से जुड़ा हुआ है।
कस्टम एक्ट: कस्टम एक्ट से जुड़ा कुछ हिस्सा जीएसटी के दायरे के बाहर है लिहाजा यह भी जीएसटी के आने के बाद लागू रहेगा। हालांकि कस्टम एक्ट का अधिकांश हिस्सा जीएसटी के दायरे में शामिल किया जा चुका है।
नगर पालिका से जुड़े कर: जीएसटी कानून अमल में आने के बाद भी प्रॉपर्टी टैक्स पहले की ही तरह जारी रहेगा। वहीं कन्वर्जेंस चार्ज भी पहले की तरह वसूला जाता रहेगा।
जीएसटी लाना इतना जरूरी क्यों: मौजूदा समय में हर राज्य में लगने वाला वैट अलग अलग होता है। दिल्ली में वैट की दर अलग है और उत्तर प्रदेश में अलग। सरकार चाहती है कि देश में वैट की दर सिर्फ एक ही हो जिसे जीएसटी के नाम पर वसूला जाएगा।