बजट बनाने वाले अधिकारियों को मिलती है कैद, परिवार वालों से बात करने की भी नहीं होती इजाजत?
बजट बनने की पूरी प्रक्रिया के दौरान ये सभी अधिकारी करीब एक हफ्ते के लिए बाहरी दुनिया से कट जाते हैं
नई दिल्ली। देश का आम बजट हर साल पेश किया जाता है लेकिन इस पूरी बजट प्रक्रिया से जुड़ी खास बात यह होती है कि बजट बनाने वाले सभी अधिकारियों को एक तरह की कैद दे दी जाती है। अगर आसान शब्दों में कहा जाए तो बजट बनने की पूरी प्रक्रिया के दौरान ये सभी अधिकारी करीब एक हफ्ते के लिए बाहरी दुनिया से कट जाते हैं और इन्हें नॉर्थ ब्लॉक में कैद कर लिया जाता है।
कौन कौन अधिकारी होता है कैद:
बजट तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान कैद होने वाले अधिकारियों में वित्त मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के साथ-साथ, विशेषज्ञ, प्रिंटिंग टेक्नीशियन और कुछ स्टेनोग्राफर्स को नॉर्थ ब्लॉक में करीब 7 दिन की कैद मिलती है। यानी से लोग बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट जाते हैं। इस दौरान अपने परिवार से भी बात नहीं कर पाते हैं। अगर परिजनों को अपने पारिवारिक सदस्य को कोई बहुत जरूरी सूचना भी देनी होती है तो वो दिए गए एक नंबर पर सिर्फ संदेश भर भेज पाते हैं।
आखिर कैद क्यों?
दरअसल, बजट तैयार करने वाले अधिकारियों को इस तरह की कैद देने के पीछे की वजह गोपनीयता है। बजट टीम के सभी सदस्यों पर पैनी नजर रखी जाती है। इंटेलिजेंस ब्यूरो की एक टीम हर किसी की गतिविधि और उनके फोन कॉल्स पर बराबर नजर रखती है। यह टीम संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में काम करती है। सबसे ज्यादा निगरानी स्टेनोग्राफरों की होती है। साइबर चोरी की संभावनाओं से बचने के लिए स्टेनोग्राफर के कम्प्यूटर नैशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (nic) के सर्वर से दूर होते हैं। जहां ये सारे लोग होते हैं वहां एक पावरफुल जैमर लगा होता है ताकि कॉल्स को ब्लॉक किया जा सके और किसी भी जानकारी को लीक न होने दिया जाए।
इस जगह छपता है बजट:
वित्त मंत्री का बजट भाषण सबसे सुरक्षित दस्तावेज होता है। इसलिए इसे बजट की घोषणा के दो दिन पहले ही प्रिंटर्स को थमाया जाता है। आपको बता दें कि पहले बजट के पेपर्स राष्ट्रपति भवन के अंदर प्रिंट होते थे, लेकिन साल 1950 के बजट के लीक हो जाने के बाद बजट मिंटो रोड के एक प्रेस में छपने लगा। साल 1980 से बजट नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में छप रहा है।