कर्जमाफी से बैंक के NPA तक जानिए 5 बड़े मुद्दों पर क्या बोले RBI गवर्नर
गुरुवार को हुई मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर ने पांच प्रमुख मुद्दों के बारे में समिति के फैसलों के बारे में जानकारी दी
नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने अपनी पहली द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा नीति में रेपो रेट में कोई भी बदलाव नहीं किया जैसा कि अर्थशास्त्रियों ने अनुमान भी लगाया था। हालांकि रिवर्स रेपो को 5.75 फीसद से 6 फीसद किया गया है। वहीं एमसीएलआर दरों को भी जस का तस रखा गया है। जानिए कर्जमाफी से एनपीए तक किन मुद्दों पर क्या क्या बोले उर्जित पटेल।
एनपीए:
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को बैड लोन के मसले पर कुछ सकारात्मकता दिखाई। साथ ही केंद्रीय बैंक ने यह वादा भी किया कि इससे निपटने के लिए कुछ नए उपाय किए जाएंगे। उर्जित पटेल ने मौद्रिक नीत समीक्षा के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “एनपीए प्रस्ताव के मौजूदा स्तर का समर्थन नहीं किया जा सकता है। साथ ही एनपीए रेज्योल्युशन के लिए और प्रयास सामने आएंगे।”
कर्जमाफी:
इस संबंध में आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि कर्जमाफी के वादों से बचने के लिए एक सहमति बनाए जाने की दरकार है। किसानों की कर्जमाफी ईमानदार क्रेडिट संस्कृति को कम कर देती है और यह क्रेडिट अनुशासन को प्रभावित करती है। आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल ने कहा, “सरकार का घाटा जो अंतरराष्ट्रीय तुलना में अधिक है, मुद्रास्फीति के रास्ते के लिए एक और खतरा बन गई है, जिसके किसानों की कर्ज माफी से और बड़ा होने की संभावना है।
महंगाई:
वित्त वर्ष 2017 की चौथाई तिमाही में खुदरा महंगाई दर के 5 फीसद के नीचे रहने का अनुमान है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2018 की पहली छमाही में महंगाई दर के औसतन 4.5 फीसद और दूसरी छमाही में 5 फीसद रहने का अनुमान है।
ब्याज दरों में कमी की अब भी गुंजाइश:
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को कहा कि अब भी बैंकों के पास लेंडिंग रेट में कटौती करने की गुंजाइश है। साथ ही आरबीआई ने सरकार की ओर से नियंत्रित की जाने वाली छोटी बचत दरों में भी संशोधन की मांग की है। गर्वरन उर्जित पटेल ने बताया, “मौद्रिक नीति समिति ने बैंक ऋण दरों में कमी को संज्ञान में लिया है लेकिन हम फिर भी इसमें पूर्ण कटौती की गुंजाइश को देखते हैं, जिसमें छोटी बचत और प्रशासित दरें शामिल हैं।”
फरवरी में हुई मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक के बाद भी पटेल ने कहा था कि बैंकों की ओर से अब भी दरों में कटौती की गुंजाइश है।
उपभोक्ता खर्चों में इजाफा:
उर्जित पटेल ने अपनी मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक के बाद कहा कि रिमोनेटाइजेशन की त्वरित गति से अगली कई तिमाहियों में उपभोक्ता खर्च में वृद्धि होगी जिससे विकास दर भी बढ़ेगी। आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति रिपोर्ट में कहा, “सबसे पहले, रीमोनेटाइजेशन की त्वरित गति के साथ विवेकाधीन उपभोक्ता खर्चों में वापसी दिखी है और 2016-17 की चौथी तिमाही से इसके और उपर जाने की उम्मीद है।”