नीलाम होगी देश की पहली लग्जरी हिल सिटी 'एंबी वैली', जानिए इससे जुड़ी खास बातें
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की एंबी वैली की नीलामी का आदेश दिया है, जानिए इस हिल सिटी से जुड़ी कुछ खास बातें
नई दिल्ली (जेएनएन)। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सेबी-सहारा मामले पर सुनवाई करते हुए सहारा की एंबी वैली की नीलामी का आदेश दिया है। इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह से कहा था कि अगर वह 17 अप्रैल तक सेबी-सहारा रिफंड खाते में 5,092.6 करोड़ रुपये जमा नहीं कराता है, तो उसकी पुणे की एंबी वैली की नीलामी की जाएगी। कोर्ट ने सहारा समूह को यह रकम जमा कराने का निर्देश दिया था। सहारा, रिफंड खाते में रकम जमा कराने में नाकाम रहे जिसके बाद सोमवार को सु्प्रीम कोर्ट ने एंबी वैली की नीलामी के आदेश दिये।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सेबी और बॉम्बे हाईकोर्ट को सभी कागजात मिलते ही नीलामी की प्रक्रिया पर काम करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय सहारा को 28 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने को कहा है। सितंबर 2012 में एंबी वैली की कीमत लगभग 34,000 करोड़ रूपये तक आंकी गई थी।
एंबी वैली देश की पहली लग्जरी प्लांड हिल सिटी है। इस टाउनशिप में हर बंगला कई करोड़ की कीमत का है और साथ ही सहारा ग्रुप का अपना प्राइवेट रनवे भी यहीं है। यह लोनावाला से 23 किमी की दूर है। यह मुंबई-पुणे हाईवे पर स्थित है। यहां से पुणे 87 किमी और मुंबई 120 किमी दूर है।
जानिए एंबी वैली से जुड़ी खास बातें-
• एंबी वैली में कई फिल्मी सितारों, खिलाड़ियों और वीआईपी लोगों के बंगले हैं। इनमें से अधिकांश के पास प्राइवेट जेट है।
• इस वैली में लेक और लग्जरी बंगलों के अलावा सहारा समूह की ओर से बनाया गया निजी रनवे भी है।
• एंबी वैली पहाड़ी इलाके में बनी हुई है जो कि कुल 10,600 एकड़ में फैली हुई है।
• इसमें गोल्फ कोर्स, स्पैनिश कॉटेज, इंटरनेशनल स्कूल, प्लेग्राउंड और फॉर्च्यून फाउंटेन भी हैं।
• इस वैली में वाटर स्पोर्ट्स से लेकर डर्ट रेस बाइकिंग जैसे स्पोर्ट्स होते हैं। इसके अलावा एडवेंचर स्पोर्ट्स केई इवेंट्स भी यहां आयोजित किये जाते हैं। साथ ही यहां स्काई डाइविंग भी होती है। आपको बता दें कि यहीं से देश की पहली सी-प्लेन सेवा शुरू हुई थी।
सहारा मामले से जुड़ी प्रमुख बातें
- इस साल फरवरी में जजों ने सुब्रत राय सहारा से कहा था कि वे अपनी उन संपत्तियों की सूची सौंपे जो मुकदमेबाजी से बाहर (अदालती कार्यवाही से छूट) और जो गिरवी नहीं है, ताकि उन्हें नीलामी प्रकिया में शामिल किया जा सके।
- इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व स्पॉन्सर सहारा को वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट को 36000 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया गया था। यह इसलिए ताकि उन तमाम छोटे निवेशकों को ब्याज सहित पैसे लौटाएं जा सके जिन्होंने प्रतिबंधित की जा चुकीं सेविंग डिपॉजिट स्कीम में निवेश किया था।
- सहारा अबतक 10,000 करोड़ रुपये दे चुके हैं और वो 14,000 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने के लिए कई डेडलाइन तोड़ कर चुके हैं।
- वर्ष 2014 में सुब्रत रॉय को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया। बीते वर्ष उन्हें अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए बेल दी गई थी। तब से अबतक इनकी बेल बढ़ाई जा रही है।
- सहारा अपनी देश-विदेश स्थित परिसंपित्तियों की बिक्री में जुटा हुआ है। इसमें न्यूयॉर्क का प्लाजा होटल और लंदन का ग्रोस्वेनर हाउस होटल शामिल है।
- बीते वर्ष नवंबर में कोर्ट ने रॉय को जेल से बाहर रहने के लिए फरवरी तक 600 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया था। साथ ही चेताया भी था कि अगर यह राशि जमा नहीं कराई गई तो उन्हें वापस जेल में आना पड़ेगा।
क्या है पूरा मामला-
बता दें कि सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय तथा दो अन्य निदेशकों रविशंकर दुबे व अशोक राय चौधरी को ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प लिमिटेड द्वारा 31 अगस्त, 2012 तक निवेशकों का 24,000 करोड़ रुपये का रिफंड करने के आदेश का अनुपालन नहीं करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, एक निदेशक वंदना भार्गव को हिरासत में नहीं लिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई, 2016 को सुब्रत राय को अपनी मां की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए चार हफ्ते का पैरोल दिया था। उसके बाद से उनके पैरोल को बढ़ाया गया है। राय को 4 मार्च, 2014 को तिहाड़ जेल भेजा गया था, लेकिन फिर कोर्ट ने पिछले साल 28 नवंबर को सुब्रत राय को 6 फरवरी तक रिफंड खाते में 600 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश देते हुए कहा था कि अगर वह ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें फिर जेल भेज दिया जाएगा।