नोटबंदी, प्रधानमंत्री का एक सराहनीय कदम
बड़ी मुद्रा को समाप्त करने का प्रधानमंत्री की ओर से हाल में उठाया गया कदम एक क्रांतिकारी, प्रशंसनीय और बहुत ही उल्लेखनीय है
नई दिल्ली (सद्गुरु)। बड़ी मुद्रा को समाप्त करने का प्रधानमंत्री की ओर से हाल में उठाया गया कदम एक क्रांतिकारी, प्रशंसनीय और बहुत ही उल्लेखनीय है। यह स्वच्छ भारत को स्पष्ट रूप से दिखाता है! इस कदम से कानून के पाबंद लोग तो बहुत खुश हैं, मगर जो लोग थोड़े-बहुत हेर-फेर के साथ अपने कारोबार चला रहे थे, उनमें खलबली मच गई है। ऐसा अचानक बिना किसी चेतावनी के नहीं किया गया है। कई बार इशारों में बताया गया मगर लोगों ने इन संकेतों पर कोई ध्यान नहीं दिया।
हर तरह की आर्थिक गतिविधि को मुख्य धारा में लाने के लिए यह एक सही कदम है। पारंपरिक व्यवसायों को कुछ समय के लिए परेशानी होगी। बहुत से लोगों को घबराहट हो सकती है, इसलिए नहीं कि उन्होंने कोई अपराध किया है, बल्कि इसलिए कि देश में लगभग पचास फीसदी लेन-देन टैक्स के राडार के नीचे होता है। इसकी कई वजहें हैं। लोग यह महसूस करते हैं कि वे जितना टैक्स दे रहे हैं, उसके हिसाब से उन्हें बुनियादी ढांचे,सेवाओं और दूसरी चीजों में कोई फायदा नहीं मिल रहा। इसलिए उन्होंने एक खास रवैया अपना लिया है कि ‘मुझे टैक्स नहीं देना है।’
मगर अब इस देश को सही तरह से व्यवस्थित करने का समय आ गया है। हालांकि इसमें मुश्किलें आएंगी, बहुत से लोग दुखी होंगे, बहुत सारे लोगों को जबर्दस्त आर्थिक किल्लत का सामना करना पड़ेगा, मगर हमें इसे झेलना होगा। देश के लिए थोड़ी-बहुत सर्जरी जरूरी है, क्योंकि उससे भारत की अर्थव्यवस्था और विकसित होगी। सारी दुनिया भारत को एक संभावना के रूप में देख रही है। दुनिया की सभी मुद्रा प्रणालियों और निवेश प्रक्रियाओं ने हमेशा से भारत की उपेक्षा की है, क्योंकि वे हमारे भ्रष्टाचार, हमारी अक्षमता, गड़बड़ी करने और किसी चीज को शुरू करके छोड़ देने के हमारे तरीकों से डरते थे। अब वह छवि काफी हद तक बदल रही है और मुद्रा बाजार अब भारत की ओर बढ़ रहे हैं। अब आप तेजी से चीजों को बदलते देखेंगे। अगर इस विकास को स्थिर करना है, तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सब कुछ ऊपर और सामने हो, कुछ भी भूमिगत नहीं। अगर हम चाहते हैं कि दुनिया हमारे साथ लेन-देन करे तो सभी स्तरों पर ईमानदारी दिखाना बहुत महत्वपूर्ण है।
अब हमारे पास इसे नया आकार देने का मौका है, क्योंकि बाकी दुनिया तक हमारी पहुंच है, जैसी पहले कभी नहीं थी और हमारा नेतृत्व इन बदलावों को लाने के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में भी हमारे नेता ऐसे ही होंगे क्योंकि यह पीढ़ी ऐसे नेताओं को नहीं चुनेगी, जो बदलाव के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं। लोग बदलाव चाहते हैं। मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में हमें एक काफी बेहतर भारत, एक नया भारत देखने को मिलेगा। हर व्यक्ति, चाहे वह जीवन के किसी भी क्षेत्र में हो, उसके पास जो भी जिम्मेदारी हो या उसका कुछ भी प्रभाव हो, उसे खड़े होकर इसे संभव बनाना होगा। केवल सरकारें या कोई एक अकेला नेता इसे नहीं कर सकता। हर नागरिक को इसे करना होगा।
(सद्गुरु: एक योगी, युगदृष्टा, मानवतावादी सद्गुरु, एक आधुनिक गुरु हैं। विश्व शांति और खुशहाली की दिशा में निरंतर काम कर रहे सद्गुरु के रूपांतरणकारी कार्यक्रमों से दुनिया के कराड़ों लोगों को एक नई दिशा मिली है। सद्गुरु ने योग के गूढ़ आयामों को आम आदमी के लिए इतना सहज बना दिया है कि हर व्यक्ति उस पर अमल कर के अपने भाग्य का स्वामी खुद बन सकता है। सद्गुरु जितनी गहराई से आंतरिक अनुभव एवं ज्ञान से जुड़े हैं उतनी ही गहराई से सांसारिक मुद्दों से भी। आध्यात्म के ऊपर सद्गुरु की दक्षता उनके गहन आंतरिक अनुभव का ही परिणाम है, जिससे वे आध्यात्म की खोज करने वालों का मार्गदर्शन करते हैं।)