तकनीक के कारण बैंकों के 30 फीसद जॉब्स खतरे में: विक्रम पंडित
सिटीग्रुप के पूर्व चीफ एग्जीक्यूटिव का कहना है कि तकनीक जल्द ही बैंकिंग सेक्टर में कई नौकरियां खत्म कर सकती है
नई दिल्ली (जेएनएन)। विक्रम पंडित, जिन्होंने वित्तीय संकट के दौरान सिटीग्रुप इंक का नेतृत्व किया था का कहना है कि तकनीक में हुए विकास के चलते अगले पांच सालों मे बैंकिंग सेक्टर में 30 फीसद नौकरियां जा सकती हैं। आपको बात दें कि पंडित भारतीय मूल के अमेरिका बैंकर हैं और उन्होंने साल 2007 से 2012 तक सिटीग्रुप में बतौर चीफ एग्जीक्यूटिव पदभार संभाला था।
60 वर्षीय पंडित ने एक इंटरव्यू में बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और रोबोट का इस्तेमाल बैंक-ऑफिस में लोगों की भूमिकाओं कटौती करेगा। पंडित अब ओरेगन ग्रुप के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर हैं, जो कि एक इन्वेस्टमेंस फर्म है। उन्होंने कहा, “वो सब कुछ जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और नैचुरल लैंग्वेज में होता है उन सभी प्रक्रियाओं को आसान बनाया जा रहा है।”
यह फिर से ऑफिस के स्वरूप को बदलने जा रहा है। वॉल स्ट्रीट एक बड़ी फर्म है जो कि तकनीक का इस्तेमाल करती है जिसमें मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग शामिल है ताकि अपने कार्यों को स्वचालित किया जा सके। यह कई कर्मचारियों को खुद को नए पदों के लिए अनुकूलित करने या फिर नई नौकरी ढूंढने के लिए मजबूर कर रहा है।
बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्प के सीओओ टॉम मॉन्टग ने कहा है कि जून महीने में लागत में कटौती करना जारी रखेगी और अन्य तरीके इजाद करेगी कि कैसे तकनीक लोगों को रिप्लेस कर सकती है।