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ट्रंप की नीति भारतीय इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर

जानकारों का मानना है कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ऊर्जा नीति का भारत पर परोक्ष और प्रत्यक्ष तौर पर कई तरह से असर पड़ेगा।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 22 Jan 2017 12:29 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jan 2017 09:49 PM (IST)
ट्रंप की नीति भारतीय इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर
ट्रंप की नीति भारतीय इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले अपनी ऊर्जा नीति का प्लान पेश किया है। पिछले पांच वर्षो में भारत अमेरिका का सबसे अहम ऊर्जा साझेदार देश बन गया है, उसे देखते हुए जानकारों का मानना है कि ट्रंप की ऊर्जा नीति का भारत पर परोक्ष और प्रत्यक्ष तौर पर कई तरह से असर पड़ेगा। भारत सरकार भी ट्रंप की इस ऊर्जा नीति से खासी उत्साहित है, क्योंकि उसका आकलन है कि इससे देश को यादा फायदा ही होने वाला है। ट्रंप के ऊर्जा प्लान में कहा गया है कि अमेरिका अपने ऊर्जा स्रोतों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करेगा। घरेलू ऊर्जा उत्पादन बढ़ाएगा। साथ ही, इसमें दशकों पुरानी नीति को पूरी तरह से बदलते हुए कोयला उत्पादन बढ़ाने की भी बात है।

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प्रमुख ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा के मुताबिक, ‘इसका सीधा सा मतलब यह है कि कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतों को बढ़ाने की सऊदी अरब और रूस की साजिश नहीं चलेगी। पिछले कुछ वर्षों के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड व गैस की कीमतों को कम करने में अमेरिका में कच्चे तेल और शेल गैस उत्पादन बढ़ने की अहम भूमिका रही है। अब अमेरिका अपने उत्पादन स्तर को और बढ़ाएगा। साथ ही इनका निर्यात भी करेगा। इससे क्रूड कीमतों को नीचे बनाए रहने में मदद मिलेगी।

जाहिर है कि इससे सबसे ज्यादा फायदा भारत जैसे बड़े तेल आयातक देश को होगा।’ देश की सबसे बड़ी तेल व गैस उत्पादक कंपनी ओएनजीसी के पूर्व सीएमडी आरएस शर्मा भी मानते हैं कि ट्रंप की नीति भारतीय इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर है। उनके मुताबिक पिछले तीन महीने में कच्चे तेल की कीमतें नौ डॉलर प्रति बैरल बढ़ चुकी हैं। तेल उत्पादक देशों की कोशिश है कि क्रूड को और महंगा किया जाए। लेकिन ट्रंप की घोषणा के बाद क्रूड को महंगा करने में जुटी ताकतों पर अंकुश लगेगा।

गोयल ने रखी थी मांग

एनर्जी डायलॉग में भारत के बिजली व कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका से दो तरह की मांग रखी थी। पहला सरकारी बिजली कंपनी एनटीपीसी के पुराने थर्मल पावर प्लांटों को आधुनिक बनाने में मदद और दूसरा गैस हाइड्रेट से जुड़ी तकनीक। अमेरिका ने इसे देने का वादा किया था। अब देखना होगा कि राष्ट्रपति ट्रंप ओबामा प्रशासन के वादे को पूरा करते हैं या नहीं।


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