नोटबंदी का कृषि क्षेत्र पर नहीं हुआ कोई तत्काल असर, सर्वे में हुआ खुलासा
नोटबंदी के फैसले का कृषि क्षेत्र पर कोई तत्काल असर देखने को नहीं मिला है
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले का कृषि पर कोई तत्काल असर देखने को नहीं मिला है। नौ राज्यों की ग्राम पंचायत के अंतर्गत कराए गए सर्वे के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। यह सर्वे रिसर्च आर्गनाइजेशन इंडिया डेवेलप्मेंट फाउंडेशन (आईडीएफ) के शुभाशिस गंगोपाध्याय, निशांत चढ्ढा और अर्जित दास की ओर से कराया गया।
10 जनवरी से 20 जनवरी के बीच कराए गए इस सर्वे का मकसद इंडीकेटर्स के माध्यम से ये पता लगाना था कि नोटबंदी का क्या देश भर के राज्यों में नोटबंदी का असर एक समान रहा है? इस सर्वे में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडू, गुजरात, राजस्थान, आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड और महाराष्ट्र को शामिल किया गया था।
जनवरी के दूसरे हफ्ते के अंत तक मिले सरकारी डेटा के मुताबिक रबी फसलों के लिए 616.2 लाख हेक्टेयर के एरिया में बुवाई की गई थी। यह बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में 6 फीसदी ज्यादा है। बीते वर्ष में की गई बुवाई में दक्षिण मॉनसून के दौरान बारिश में भारी कमी आई थी। आईडीएफ के सर्वे डेटा के मुताबिक रबी की बुआई या तो तेज हुई है या फिर आधे से ज्यादा गांवों में समान दर पर रही है।
कृषि सूचकांक में उर्वरक इस्तेमाल से पता चला है कि नोटबंदी का इस क्षेत्र में खासा असर नहीं पड़ा है। गंगोपाध्याय के अनुसार नोटबंदी का एक समान असर नहीं पड़ा है और अन्य कारक की ओर से कृषि क्षेत्र पर प्रभाव पड़ने की संभावना है। नोटबंदी के प्रभाव को जांचने के लिए जो दूसरा इंडिकेटर प्रतिरूप (प्रॉक्सी) के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है वह फूड प्राइस है।