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P-नोट्स पर लेवी फीस को लेकर सेबी ने नोटिफाई किए रूल्स

पूंजी बाजार नियामक ने पार्टिसिपेटरी नोट्स से जुड़े नए नियम को नोटिफाई किया है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 24 Jul 2017 04:52 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jul 2017 04:52 PM (IST)
P-नोट्स पर लेवी फीस को लेकर सेबी ने नोटिफाई किए रूल्स

नई दिल्ली (पीटीआई)। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) से जुड़े कुछ कड़े नियमों को नोटिफाई किया है। इस पर 1,000 अमेरिकी डॉलर की फीस लागू की गई है जिसे हर इंस्ट्रूमेंट पर लागू किया जाएगा ताकि कालेधन के दुरुपयोग को रोका जा सके।

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ये नए उपाय उन कदमों का ही हिस्सा हैं जिन्हें हाल फिलहाल में सेबी की ओर से उठाया गया है। साथ ही ये उपाय ऐसे समय में लाए गए हैं जब पार्टिसिपेटरी नोट या ऑफशोर डेरिवेटिव्स इंस्ट्रूमेंट के जरिए विदेशी निवेश की राशि सात महीने के उच्चतम स्तर के साथ मई अंत में 1.81 लाख करोड़ के स्तर पर पहुंच चुकी है। अब नियामक (सेबी) प्रत्येक ओडीआई ग्राहक पर 1,000 अमेरिकी डॉलर का "नियामक शुल्क" लगाएगा। यह शुल्क हर तीन साल में एक बार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर लगाया जाएगा। यह नया नियम यह 1 अप्रैल 2017 से ही अमल में आ गया है।

सेबी की ओर से 20 जुलाई को जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया, “एक एफपीआई समय समय पर 1,000 अमेरिकी डॉलर या किसी अन्य राशि का नियामकीय शुल्क इकट्ठा करेगा, जैसा कि बोर्ड की ओर से निर्दिष्ट किया गया है। यह शुल्क इसकी ओर से जारी किए गए ऑफशोर डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट के प्रत्येक ग्राहक से वसूला जाएगा और उसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से वही राशि बोर्ड के पास जमा करानी होगी।”

क्या होते हैं पी नोट्स

पी-नोट्स को पार्टिसिपेट्री नोट्स भी कहा जाता है। विदेशी निवेशक सीधे तौर पर भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने में सक्षम नहीं होते हैं इसलिए वह रजिस्टरर्ड विदेशी ब्रोक्रेज हाउस का सहारा लेता है। निवेशकों को पी-नोट्स सेबी के पास रजिस्टजर्ड विदेशी ब्रोक्रेज हाउस ही जारी करता है। पी-नोट्स को विदेशी निवेशकों के लिए शेयर बाजार में निवेश करने का दस्ताटवेज भी कहा जाता है।

क्या है पी नोट्स का फायदा

पी-नोट्स का इस्ते माल हाई नेटवर्क इंडीविजुअल्स (एचएनआई), हेज फंडों और अन्यस विदेशी संस्थानों के जरिए होता है। जो भी निवेशक सेबी के पास बिना रजिस्ट्रेशन करवाए शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहता हैं वो पी-नोट्स का इस्तेमाल करता है। निवेशकों को भारतीय शेयर बाजार में पी-नोट्स के जरिए निवेश करने में ज्यादा सुविधा और फायदा जान पड़ता है। गौरतलब है कि सेबी ने साल 1992 में पी-नोट्स जारी करने की इजाजत दी थी।


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