Vodafone-Idea मर्जर: खुली पेशकश की संभावनाओं पर विचार कर रहा है सेबी
सेबी यह जांच कर रही है कि वोडा और आइडिया के बीच प्रस्तावित विलय अधिग्रहण नियमों के तहत एक खुली पेशकश की संभावनाओं को तेज करेगा
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) यह जांच कर रही है कि क्या वोडाफोन इंडिया और कुमार मंगलम बिरला की स्वामित्व वाली आइडिया सेल्युलर के बीच प्रस्तावित विलय अधिग्रहण नियमों के तहत एक खुली पेशकश की संभावनाओं को तेज करेगा। सेबी ने विलय चर्चा के बारे में एक आधिकारिक घोषणा से पहले पिलानी इन्वेस्टमेंट एंड इंडस्ट्री कॉर्प (आदित्य बिड़ला समूह का हिस्सा) की ओर से आइडिया शेयर की खरीद के संबंध में स्पष्टीकरण भी मांगा है।
सेबी को सौंपी गई योजना के मुताबिक नई कंबाइंड एंटिटी में वोडाफोन 50 फीसद हिस्सेदारी रखेगा। जबकि आदित्य बिड़ला ग्रुप और उसके शेयर होल्डर्स के पास 21.1 और 28.9 फीसद की हिस्सेदारी होगी। इस डील के तहत वोडाफोन आदित्य बिड़ला ग्रुप को 4.9 फीसद हिस्सेदारी बेच देगा। यह आदित्य बिड़ला ग्रुप की हिस्सेदारी को 21.1 से 26 फीसद कर देगा। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, “सेबी इस बात की जांच कर रही है कि क्या सौदा अधिग्रहण कोड के तहत एक खुली पेशकश (आदित्य बिड़ला समूह की ओर से) को गति देगा।”
अधिग्रहण कोड यह दर्शाता है कि यदि कोई इकाई सूचीबद्ध फर्म का 25% हिस्सा अधिग्रहित करती है तो सार्वजनिक शेयरधारकों से अतिरिक्त 26% के लिए एक खुली पेशकश करनी होगी। फिनसेक लॉ एडवाइजर के फाउंडर संदीप पारेख ने बताया, “सेबी की चिंता, जिसे उनसे इस तरह के मामलों में व्यक्त किया है इस बात की संभावना को तेज करती है कि इस तरह का मर्जर अधिग्रहण नियमों को दरकिनार कर सकता है।”