आर-कॉम और एयरसेल के मर्जर को शेयरधारकों से मिली मंजूरी
रिलायंस कम्युनिकेशन और एयरसेल के मर्जर को दोनों कंपनियों के शेयरधारकों ने मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन और एयरसेल के मर्जर का रास्ता साफ हो गया है। इस मर्जर प्रक्रिया के लिए दोनों कंपनियों के शेयरहोल्डर्स ने मंजूरी दे दी है। अगर यह मर्जर प्रक्रिया पूरी होती है तो नई कंपनी तीसरी सबसे बड़ी ऑपरेटर होगी।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की ओर से दिए गए एक निर्देश के बाद बैठकें बुलाई गईं। जहां एक ओर एयरसेल के शेयरधारकों ने 22 अप्रैल को ही इस मर्जर को मंजूरी दे दी वहीं दूसरी तरफ आरकॉम के शेयरहोल्डर्स ने सोमवार को इसके लिए मंजूरी दी। कंपनी को पहले ही व्यवस्था की प्रस्तावित योजना के लिए सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, बीएसई लिमिटेड, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया से मंजूरी मिल चुकी है।
मर्जर के बाद बनने वाली नई एंटिटी दूसरी सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम धारक होगी, जिसका 850 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ज्र, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2100 मेगाहर्ज्ी बैंड में 448 मेगाहर्ज्ट का कुल हिस्सा होगा। इस मर्जर की घोषणा सितंबर 2016 में की गई थी जिसके तहत विलय के बाद आर-कॉम और एयरसेल दोनों कंपनियां 50 फीसदी शेयर रखेंगी और साथ ही बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में बराबर शेयर होंगे।
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