बजट से ठीक पहले आरबीआई गवर्नर ने सरकार को चेताया, कहा कम करें कर्ज की सीमा
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को सरकार को उसकी कर्ज लेने की सीमा को लेकर चेताया है।
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को सरकार को उसकी कर्ज लेने की सीमा को लेकर चेताया है। सरकार से आरबीआई की यह अपील ऐसे समय में की गई है जब नए वित्त वर्ष का आम बजट केंद्रीय वित्त मंत्री कुछ हफ्तों बाद ही पेश करने वाले हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री जल्द ही अगले वित्त वर्ष (2017-18) के बजट में सरकार के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य की रूपरेखा तैयार करेंगे।
आरबीआई के मुखिया की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब कई बड़े अर्थशास्त्री राजकोषीय घाटे (2017-18) के बढ़ने की आशंका जता रहे हैं ताकि नोटबंदी के बाद सुस्त पड़ी देश की अर्थव्यवस्था को सहारा दिया जा सके। वहीं आज विश्व बैंक ने भारत के ग्रोथ अनुमान को घटाकर 7 फीसदी कर दिया है जबकि इसके पहले यह अनुमान 7.6 फीसदी रखा गया था। वहीं सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए जीडीपी के मुकाबले राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.5 फीसदी रखा है।
वाइब्रेंट गुजरात समिट में बोलते हुए आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा, “आईएमएफ के डेटा के मुताबिक हमारा सामान्य सरकारी घाटा (जो कि केंद्र और राज्यों की संयुक्त उधारी है) ग्रुप-20 देशों में सबसे ज्यादा है। समुच्चय रुप से अगर किसी देश का सामान्य सरकारी घाटा जीडीपी के अनुपात में कम रहता है क्रेडिट एजेंसियों की ओर से उसकी रेटिंग अपग्रेड किए जाने की संभावनाएं प्रबल होती हैं।”
लंबी अवधि में नोटबंदी से होगा फायदा
वाइब्रेंट गुजरात समिट में बोलते हुए आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि हम मानते हैं कि केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद से इकोनॉमी में स्लोडाउन आया है, लेकिन इसका लंबी अवधि में फायदा होगा। उन्होंने आगे कहा कि महंगाई दर कम होने से ब्याज दरों में कमी की गुंजाइश होगी। आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च 2017 तक रिटेल महंगाई दर को 4 फीसदी तक रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है।