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नोटबंदी का असर सरकारी खर्चों पर पड़ा, जनवरी-मार्च तिमाही में वृद्धि पड़ी सुस्त

फिच रेटिंग्स का कहना है कि मौजूदा निवेश में कमी का प्रभाव वृद्धि के आंकड़ों पर देखने को मिलेगा

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 20 Jun 2017 05:36 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jun 2017 05:36 PM (IST)
नोटबंदी का असर सरकारी खर्चों पर पड़ा, जनवरी-मार्च तिमाही में वृद्धि पड़ी सुस्त
नोटबंदी का असर सरकारी खर्चों पर पड़ा, जनवरी-मार्च तिमाही में वृद्धि पड़ी सुस्त

नई दिल्ली (जेएनएन)। बीते साल आठ नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले का असर सरकार के खर्च पर प्रत्यक्ष रुप से पड़ा है। इस कारण वर्ष 2017 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) की वृद्धि सुस्त पड़ी है। फिच रेटिंग्स ने चेताते हुए कहा कि मौजूदा निवेश में कमी का प्रभाव वृद्धि के आंकड़ों पर देखने को मिलेगा।

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फिच ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में बताया है कि भारतीय जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में वर्ष 2017 की जनवरी-मार्च में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है और यह 6.1 फीसद के स्तर पर रही है। वहीं दूसरी ओर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह आंकड़ा सात फीसद रहा था। जानकारी के लिए बता दें कि वित्त वर्ष 2013-14 की चौथी तिमाही के बाद सबसे कम वृद्धि है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू मांग में कमजोरी देखी गई है। इसका कारण बीते वर्ष नवंबर में सरकार की ओर से मुद्रा का 86 फीसद हिस्सा वापस लेना था, जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव खर्च पर देखने को मिला है।

फिच के मुताबिक अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का असर बेहद परेशान करने वाला है। नोटबंदी का फैसला अर्थव्यवस्था के बड़े असंगठित हिस्से के व्यय करने की चुनौतियों को प्रतिबिंबित करता है। उपभोग की वृद्धि दर भी 2016-17 की चौथी तिमाही में गिरकर 7.3 फीसद रही, जो बीते वित्त वर्ष 2015-16 की समान अवधि में 11.3 फीसद थी।


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