जरूरी कमोडिटीज पर नहीं पड़ा नोटबंदी का असर: रामविलास पासवान
नोटबंदी के फैसले से 22 प्रमुख कमोडिटी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है
नई दिल्ली। मंगलवार को लोकसभा में जानकारी दी गई है कि नोटबंदी के फैसले से 22 प्रमुख कमोडिटी, जिसमें खाद्यान भी शामिल है, पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। केंद्रीय खाद्यान और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि इन 22 कमोडिटी जिसमें दालें, प्याज और टमाटर शामिल हैं के दाम नोटबंदी के बाद से नियमित तौर पर जांचे जा रहे हैं।
करीब 3.89 लाख टन गेहूं, 184.45 लाख टन चावल और 10.45 लाख टन दालें नोटबंदी के बाद से किसानों से प्राप्त की गईं है। पासवान ने यह जवाब लोकसभा में दिया है। नवंबर 2016 से फरवरी तक, असेंशियल कमोडिटी एक्ट के तहत की गई रेड में अधिकारियों ने राज्य में 1524 लोगों को गिरफ्तार किया, 837 पर आरोप और 46 काला बाजारी करने वाले लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें से 163 लोग अपराधी करार कर दिए गए है।
पासवान ने यह भी बताया कि इन रेड में चार करोड़ के मूल्य का सामान भी जब्त किया है।
गेहूं और अरहर की दाल पर सरकार ने लगाया 10 फीसद का आयात शुल्क
इस साल बेहतर फसल के अनुमान के बीच सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए गेंहू और अरहर की दाल पर 10 फीसद आयात शुल्क लागू कर दिया है। आपको बता दें कि 8 दिसंबर को, सरकार ने स्थानीय उपलब्धता को बढ़ाने और खुदरा कीमतों की जांच के लिए गेहूं पर सीमा शुल्क को 10 फीसद से शून्य कर दिया था। उस वक्त तक तूर दाल (अरहर) पर कोई शुल्क लागू नहीं था।
लोकसभा में इस फैसले की घोषणा करते हुए वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि 17 मार्च 2012 की सरकार की एक अधिसूचना में संशोधन किया गया है ताकि गेहूं और तुअर दाल पर 10 फीसद का बेसिक सीमा शुल्क तत्काल प्रभाव से लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस फैसले से मौजूदा आयात के स्तर पर करीब 840 करोड़ रुपए का राजस्व प्रभावित होने का अनुमान है।