कर चुकाये बिना माल की बुकिंग से कतरा रहे थोक व्यापारी और वितरक
देशभर में जीएसटी लागू होने के बाद ट्रक के भाड़ों में तेज गिरावट देखने को मिली है
नई दिल्ली (जेएनएन)। जीएसटी लागू होने के बाद ट्रकों के भाड़े जमीन पर आ गए हैं। ट्रक भाड़ों में ऐसी गिरावट पिछले तीन दशकों में नहीं देखी गई। कुछ रूटों पर तो यह गिरावट 50 फीसद से भी ज्यादा है। भले ही ई-वे बिल का पोर्टल तैयार न होने के कारण सरकार ने ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को जीएसटी से दो महीने की मोहलत दे रखी हो। परंतु इसके बावजूद ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में खलबली मची हुई है। इसका कारण वितरकों व थोक व्यापारियों द्वारा माल की कम बुकिंग कराया जाना है।
ज्यादातर व्यापारी जीएसटी को लेकर अभी भी संशयग्रस्त हैं। ऐसे में उन्होंने माल की बुकिंग फिलहाल रोक रखी है। दूसरी ओर निर्माता भी ज्यादा माल बुक करने से कतरा रहे हैं क्योंकि अनेक निर्माताओं ने अभी भी जीएसटी सॉफ्टवेयर को पूरी तरह नहीं अपनाया है। ऐसे में ट्रांसपोर्टरों के समक्ष खासी मुश्किल खड़ी हो गई है और अपने धंधे को चलाए रखने के लिए उन्हें भाड़ों में अनाप-शनाप छूट के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।
ट्रांसपोर्ट सेक्टर की गतिविधियों पर नजर रखने वाली संस्था इंडियन फाउंडेशन आफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के अनुसार पिछले पंद्रह दिनो में 75 प्रमुख ट्रंक रूटों पर ट्रक भाड़ों में 30 से 50 फीसद तक की गिरावट आई है। फाउंडेशन के संयोजक एसपी सिंह के मुताबिक जहां बॉर्डर चेक पोस्ट समाप्त होने तथा कर अधिकारियों के सख्त रवैये के कारण एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच माल परिवहन सस्ता हो गया है। एक ही राज्य के भीतर माल ढुलाई की दरें उतनी प्रभावित नहीं हुई हैं। यहां ट्रक भाड़ों में 25-30 फीसद की कमी देखने में आ रही है। राज्य के भीतर कर अधिकारियों का अपेक्षाकृत लचीला रवैया भी इसकी एक वजह है। पंजाब, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश व झारखंड जैसे राज्यों में बिना टैक्स अदा माल का आवागमन घट गया है।