सर्विस चार्ज पर झंझट खत्म, सरकार ने कहा ये गैर कानूनी
अब होटल और रेस्त्रां मालिक खाने पीने के बिल के साथ सर्विस चार्ज लगाते हैं तो यह गैर कानूनी होगा
नई दिल्ली (जेएनएन)। आमतौर पर होटल और रेस्त्रां में खाना खाने पर बिल के साथ सर्विस चार्ज भी जोड़ दिया जाता है। लेकिन सरकार इसे सही नहीं मानती है। इस संबंध में सरकार ने आदेश दिया है कि सर्विस चार्ज जरूरी नहीं है। वहीं, पीएमओ ने भी इस फैसले पर अपनी मंजूरी दे दी है। सरकार के फैसले के मुताबिक अब होटल और रेस्त्रां मालिक खाने पीने के बिल के साथ सर्विस चार्ज लगाते हैं तो यह गैर कानूनी होगा।
पीएमओ से एडवाइजरी पर अनुमोदन मिलने के बाद अब इसे राज्यों के साथ सभी केंद्र शासित राज्यों को भेजा जाएगा। इस एडवाइजरी के सहारे उपभोक्ता अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले स्वयंसेवी संगठनों को बहुत मदद मिलेगी। इसमें कहा गया है कि किसी ग्राहक को सर्विस चार्ज के भुगतान के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। ग्राहक किसी वेटर को टिप के तौर पर चाहे तो भुगतान कर सकता है। इस फैसले के बाद होटल और रेस्त्रां में जाकर खाना खाने के लिए अब कम पैसे देने होंगे।
पीएमओ के पास अनुमोदन के बारे में पूछने पर बताया गया कि किसी भी ग्राहक के बिल में बिना उसकी अनुमति के सर्विस चार्ज जोड़ा गया तो उसे गैर कानूनी माना जाएगा, उसके खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
इस मसले पर होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के साथ पिछले दिनों हुई बैठक में इसके समेत कई अन्य मसलों पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया। होटल व रेस्टोरेंट में खाने की बर्बादी पर पासवान ने गंभीर चिंता जताई। लेकिन उन्होंने इस मामले में कोई कानून बनाने से स्पष्ट रूप से इन्कार किया। इस दिशा में लोगों से स्वतः आगे आने की अपील की। होटल व रेस्टोरेंट स्वतः कदम उठायें ताकि खाना बर्बाद न हो सके। इन लोगों ने बातचीत में कहा है कि वे अपने स्टाफ को जहां प्रशिक्षित करेंगे, वही ग्राहकों को भी जागरूक करने की पहल करेंगे।