अफ्रीका के विकास के लिए एशिया-अफ्रीका कोरिडोर पर भारत ने दिया जोर
अफ्रीका और भारत का व्यापार पिछले 15 वर्षों में कई गुना बढ़ गया है
नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 52वें अफ्रीकन डेवलपमेंट बैंक (एएफडीबी) की वार्षिक मीटिंग के उद्घाटन समारोह में अफ्रीका के विकास के लिए एशिया-अफ्रीका कोरिडोर पर जोर दिया है। जापान और भारत इसका समर्थन करेंगे। पीएम मोदी ने इस ग्रोथ कॉरिडोर की चर्चा चीन की महत्वकांक्षी वन बेल्ट वन रोड़ (ओबीओआर) को शुरू करने के बाद की है।
उन्होंने बाताया है कि अफ्रीका और भारत का व्यापार पिछले 15 वर्षों में कई गुना बढ़ गया है। साथ ही, बीते पांच वर्षों के दौरान 2014-15 में दोनों देशों के बीच का व्यापार दोगुना होकर 72 अरब डॉलर (करीब 4.60 लाख करोड़ रुपए) के स्तर पर पहुंच गया है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत इस बात से गर्वित महसूस कर रहा है कि उसने अफ्रीका के साथ शिक्षा और टेक्निकल क्षेत्र के लिए साझेदारी की है।
जापान से हो चुकी है एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर पर चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जापान की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री शिंजो अबे से मुलाकात करने के बाद, हमने एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर पर चर्चा की थी।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत और जापान के रिसर्च संस्थानों ने अफ्रीकन थिंक टैंक के साथ विचार-विमर्श के बाद विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। इसमें ग्रोथ कॉरिडोर को आगे बढ़ाने की बात की गई है। उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत की अफ्रीका के साथ साझेदारी का मॉडल अफ्रीकन देशों की जरूरत के हिसाब से नहीं, मांग के हिसाब से है। भारत अफ्रीका में निवेश करने वाला पांचवां सबसे बड़ा देश है। बीते 20 वर्षों में भारत ने 54 अरब डॉलर (करीब 3.45 लाख करोड़ रुपए) का निवेश किया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 21वीं शताब्दी केवल एशिया के नाम ही नहीं, एशिया और अफ्रीका दोनों के नाम बराबर रहेगी। उन्होंने कहा कि कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए वैश्विक बाजार बदल रहा है, ऐसी स्थिति में भारत और अफ्रीका इन क्षेत्रों में प्रमुख साझेदार उभरकर सामने आएंगे।
अरुण जेटली ने यह भी बताया कि अफ्रीकी देशों में भारत का निवेश चीन के निवेश की तुलना में ज्यादा है। ऐसे में भारत अफ्रीकी देशों के सबसे अहम निवेशकों में से एक है।