Move to Jagran APP

शेल कंपनियों पर सरकार ने बढ़ाई सख्ती, उजागर किये 55 हजार से ज्यादा डायरेक्टर्स के नाम

सरकार ने शेल कंपनियों पर सख्ती करते हुए 55000 से ज्यादा कंपनियों के निदेशकों के नाम उजागर कर दिये हैं

By Surbhi JainEdited By: Published: Wed, 20 Sep 2017 11:28 AM (IST)Updated: Wed, 20 Sep 2017 11:28 AM (IST)
शेल कंपनियों पर सरकार ने बढ़ाई सख्ती, उजागर किये 55 हजार से ज्यादा डायरेक्टर्स के नाम
शेल कंपनियों पर सरकार ने बढ़ाई सख्ती, उजागर किये 55 हजार से ज्यादा डायरेक्टर्स के नाम

नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार ने मुखौटा कंपनियों और उनके संचालकों पर सख्ती बढ़ा दी है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार ने ऐसी कंपनियों के 55 हजार से ज्यादा डायरेक्टरों के नाम सार्वजनिक कर दिए हैं। यह कदम इसलिए उठाया गया, ताकि इन लोगों को फिर किसी कंपनी में इसी तरह की भूमिका नहीं मिल सके।

loksabha election banner

सरकार ने ऐसी मुखौटा कंपनियों को चिह्नित किया है, जिन्होंने कोई कारोबारी गतिविधि नहीं की है, या जिनका लगातार तीन साल से वार्षिक रिटर्न या फाइनेंशियल स्टेटमेंट नहीं जमा कराया गया है। इन कंपनियों से जुड़े 1.06 लाख से ज्यादा डायरेक्टरों की पहचान भी की गई है। निकट भविष्य में बाकी निदेशकों के नाम भी उजागर किए जा सकते हैं। विभिन्न कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) के पास पंजीकृत दो लाख से ज्यादा ऐसी कंपनियों का पंजीकरण रद किया जा चुका है। आरओसी द्वारा जारी की गई जनसूचनाओं के अनुसार अब तक चेन्नई की 24 हजार से ज्यादा ऐसी कंपनियों से जुड़े लोगों का नाम सार्वजनिक किया गया है। इसी प्रकार अहमदाबाद और एर्नाकुलम में 12-12 हजार से ज्यादा कंपनियों से जुड़े निदेशकों के नाम उजागर किए गए हैं। इनके अतिरिक्त कटक, गोवा और शिलांग के आरओसी की ओर से भी डायरेक्टरों की सूची सार्वजनिक की गई है। दिल्ली, मुंबई और चंडीगढ़ के आरओसी ने अब तक सूची प्रकाशित नहीं की है।

माना जा रहा है कि इनमें से कई नाम बड़े राजनीतिक और कॉरपोरेट घरानों से जुड़े हो सकते हैं। हालांकि अभी इस बारे में इसलिए निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि सूची में केवल डायरेक्टरों का नाम, उनका डीआइएन और कागजात में दर्ज पता दिया गया है। इसके अलावा उनकी कोई विस्तृत जानकारी नहीं है।
इसी महीने सरकार ने कहा था कि मुखौटा कंपनियों से जुड़े होने के कारण 1.06 लाख डायरेक्टर अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे। मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई करते हुए कॉरपोरेट मामलों का मंत्रलय लंबे समय से कारोबार नहीं कर रही 2.09 लाख कंपनियों का पंजीकरण रद करने की प्रक्रिया में है। बैंकों को भी निर्देश दिया गया है कि इन कंपनियों के खातों में लेनदेन प्रतिबंधित कर दें।

मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई कंपनी कानून की धारा 248 के तहत हो रही है। इसके अनुसार कोई आरओसी रजिस्ट्रेशन के सालभर के भीतर व्यवसाय शुरू नहीं करने वाली या लगातार दो वित्त वर्ष तक कोई कारोबार नहीं करने वाली या तीन साल फाइनेंशियल स्टेटमेंट जमा नहीं कराने वाली कंपनियों का पंजीकरण रद कर सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.