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रोजगार देने वाले एमएसएमई क्षेत्र को पैकेज, स्टार्ट अप्स को मिलेगा प्रोत्साहन

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने पैकेज को मंजूरी दी है

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 19 Jan 2017 10:34 AM (IST)Updated: Thu, 19 Jan 2017 10:44 AM (IST)
रोजगार देने वाले एमएसएमई क्षेत्र को पैकेज, स्टार्ट अप्स को मिलेगा प्रोत्साहन
रोजगार देने वाले एमएसएमई क्षेत्र को पैकेज, स्टार्ट अप्स को मिलेगा प्रोत्साहन

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। रोजगार देने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने पैकेज को मंजूरी दी है। इसके तहत सूक्ष्म व लघु उद्योगों को क्रेडिट गारंटी योजना के जरिये मिलने वाला लोन कवरेज बढ़ाकर दोगुना करने और क्रेडिट गारंटी फंड को बढ़ाने का प्रावधान है।

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इसके अलावा सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए संशोधित विशेष प्रोत्साहन पैकेज को भी मंजूरी दी। इसके तहत अब 31 दिसंबर, 2018 तक आवेदन किए जा सकेंगे। सरकार 10,000 करोड़ रुपये तक की मदद इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटों को देगी।

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस पैकेज के तहत क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड को 2,500 करोड़ से बढ़ाकर 7,500 करोड़ रुपये किया जाएगा। यह राशि पूरी तरह सरकार देगी। इसके अलावा क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत लोन कवरेज एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने का भी प्रावधान है। सूक्ष्म और लघु उद्यमों को गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत कर्ज कवरेज को भी बढ़ाया गया है।

ये होंगे फायदे:
सरकार के इस कदम से एमएसएमई को कर्ज का प्रवाह बढ़ेगा। इससे उत्पादन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस योजना के तहत बिना कुछ गिरवी रखे कर्ज मिलता है। इसलिए स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके तहत सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है, इसलिए इससे जवाबदेही तय होती है।

एमएसआइपीएस को मिली हरी झंडी
एक अन्य फैसले में कैबिनेट ने 2020 तक इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का आयात जीरो करने के लक्ष्य की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके लिए संशोधित विशेष प्रोत्साहन पैकेज योजना (एमएसआइपीएस) को अनुमति दी गई है। इससे न सिर्फ आयात पर निर्भरता कम होगी, बल्कि देश में रोजगार भी बढ़ेंगे। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अब इसके तहत दिसंबर, 2018 तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। 10 हजार करोड़ तक के प्रोत्साहनों की इजाजत होगी। अगर निवेश एक अरब डॉलर से अधिक हैं तो कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में उचस्तरीय समिति इसे मंजूरी देगी। सरकार ने इस योजना में अगस्त, 2015 में भी संशोधन किया था। उस समय इस योजना को बढ़ाकर 27 जुलाई, 2020 तक किया गया था।


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