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GST के बाद ये छोटी गलतियां बना देंगी आपको गुनाहगार, इनसे बचें

जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों की ओर से की जाने वाली गड़बड़ियों की संख्या काफी कम हो जाएगी

By Shubham ShankdharEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 07:42 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 07:53 AM (IST)
GST के बाद ये छोटी गलतियां बना देंगी आपको गुनाहगार, इनसे बचें
GST के बाद ये छोटी गलतियां बना देंगी आपको गुनाहगार, इनसे बचें

नई दिल्ली (जेएनएन)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का 1 जुलाई से देशभर में लागू होना तय है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी स्पष्ट कर दिया है कि इस कानून को 1 जुलाई को पूरे देश में लागू किया जाएगा। वहीं जीएसटी काउंसिल की बैठकों के जरिए इससे जुड़े नियमों को अंतिम रुप दिया जा रहा है। काउंसिल की अगली और संभवत: अंतिम बैठक 30 जून को होनी है। आपको बता दें कि जीएसटी मॉडल के तहत एक ड्रॉफ्ट तैयार किया गया है कि जो यह बताएगा कि इसके (नए अप्रत्यक्ष कर कानून) अंतर्गत क्या करना अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। हम अपनी खबर के माध्यम से आपको बताने की कोशिश करेंगे कि जीएसटी के लागू होने के बाद किन कामों को कर आप मुश्किल में फंस सकते हैं।

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न जारी करें गलत एनवॉयस: जीएसटी लागू होने के बाद बिल से जुड़े काम मसलन गलत इनवॉयस को जारी करना जीएसटी के नियमों के तहत अपराध माना जाएगा। गलत एनवॉइस जारी करना, बिना एनवॉयस के माल की आपूर्ति करना और इनवॉयस से किसी भी व्यक्ति को लाभ पहुंचाना अपराध माना जाएगा। इसलिए बेहतर होगा कि आप ऐसे काम न करें। ध्यान रहें इवनॉयस का फॉर्मेट में छोटी सी भी गलती भी जीएसटी कानून के अंतर्गत इसको अमान्य बना देगी।

जीएसटी रजिस्ट्रेशन के दौरान न दें गलत जानकारी: देश भर के व्यापारियों को जीएसटी में माइग्रेट किया जा रहा है। इसके लिए दो बार जीएसटी पोर्टल खुल चुका है। तीसरी बार यह फिर से 25 जून को खुल रहा है। ऐसे में ध्यान रखें कि जीएसटी के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन के दौरान गलत जानकारी भूलकर भी न दें और टैक्स बचाने के लिए फर्जी फाइनेंशियल रिकॉर्ड पेश न करें, क्योंकि ऐसा करना आपको मुश्किल में डाल सकता है। आपको बता दें माइग्रेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जीएसटीआईएन जारी करने से पहले सरकार रिकॉर्ड की स्क्रूटनी कर सकती है। ऐसे में गलत जानकारी देने से बचे।

ग्राहकों से जीएसटी कलेक्ट कर सरकार को देना न भूलें: व्यापारी वर्ग की भलाई इसी में है कि वो ग्राहकों से टैक्स कलेक्ट कर उसे सरकार के पास जमा करा दें। जीएसटी के लागू होने के बाद व्यापारी वर्ग की कुछ गतिविधियां अपराध की श्रेणी में आएंगी जिसमें ग्राहकों से जीएसटी कलेक्ट कर उसे तीन महीने के भीतर सरकार के पास न जमा करना, गलत तरीके से जीएसटी पर रिफंड हासिल करना और जानबूझकर अपनी सेल्स को टैक्स बचाने के लिए छुपाना प्रमुखता से शामिल है।

वैलिड पेपर्स के बिना ट्रांसपोर्ट न करें अपना सामान: अगर आपके पास वैलिड पेपर्स (कागजात) नहीं हैं तो आप अपना सामान ट्रांसपोर्ट न करें। जीएसटी नियमों के तहत वैलिट पेपर्स के बगैर सामान को ट्रांसपोर्ट करना और जब्त सामान को नष्ट करना अपराध के श्रेणी में रखा गया है। 


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